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नई दिल्ली 29 जुलाई (हि.स)। भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर अगले दौर की बातचीत के लिए अमेरिकी टीम 25 अगस्त को भारत आएगी। इस वार्ता में भारत के दृष्टिकोण से अतिरिक्त 26 फीसदी टैरिफ हटाने और स्टील, एल्युमीनियम तथा ऑटोमोबाइल क्षेत्र पर टैरिफ में ढील देना प्राथमिकता होगी।
भारत-अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौता पर बातचीत का पिछला दौर वाशिंगटन में हुआ था, जहां भारत के मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल और दक्षिण एवं मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने विस्तृत चर्चा की थी। ये बातचीत ऐसे समय में हो रही है, जब दोनों पक्ष 1 अगस्त की समय सीमा से पहले अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने का प्रयास कर रहे हैं।
भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क रियायतें देने के ख़िलाफ़ कड़ा रुख़ अपनाया है, जिसकी अमेरिका सक्रिय रूप से मांग कर रहा है। घरेलू किसान संघों ने भी इस रुख़ को मज़बूत किया है, जिन्होंने सरकार से व्यापार समझौते से कृषि संबंधी मुद्दों को बाहर रखने का आग्रह किया है। ऐसे में जैसे-जैसे समय सीमा नजदीक आ रही है, दोनों देश टैरिफ और शुल्क रियायतों से जुड़े मुद्दों को सुलझाने के लिए उत्सुक हैं।
दोनों देश इस साल सितंबर-अक्टूबर तक व्यापार समझौते के पहले चरण को पूरा करने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। साथ ही एक अंतरिम व्यापार समझौते की संभावनाओं का भी आकलन कर रहे हैं। इस बीच अमेरिका को भारत के व्यापारिक निर्यात में भारी वृद्धि हुई है, जो अप्रैल-जून तिमाही में 22.8 फीसदी बढ़कर 25.51 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक मजबूत व्यापारिक संबंध का संकेत है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रजेश शंकर