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--गोशाला बंद होने के बाद भी गौवंश के नाम पर धांधली आई सामने--कान्हा गोशाला का निरीक्षण कर नोडल अफसर ने ईओ को लगाई फटकार
हमीरपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले के सुमेरपुर कस्बे की कान्हा गौशाला में सोमवार तक 384 गोवंश बंद दिखाया जा रहा था और जब मंगलवार को जिले के नोडल अधिकारी पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक ने दोपहर बाद कान्हा गौशाला का निरीक्षण किया तो महज 140 गोवंश ही संरक्षित पाया गया। संयुक्त निदेशक के फोन पर बात करने पर अधिशासी अधिकारी जवाब नहीं दे सके। संयुक्त निदेशक ने अधिशासी अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई।
बता दें कि आन रिकॉर्ड नगर पंचायत 14 कुंतल भूसा और करीब ढाई कुंतल पशु आहार प्रतिदिन बेसहारा गोवंश को खिला रहा है। इस तरह से देखा जाए तो नगर पंचायत बेसहारा गोवंश के खानपान में करीब 18 हजार रुपये प्रतिदिन खर्च कर रही है। जबकि हकीकत यह है कि पूरे कस्बे में बेसहारा गोवंश का आतंक है। यह केवल कागजों में संरक्षित रहकर भूसा खा रहा है।
मंगलवार को दोपहर बाद लखनऊ से आए पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डा. सोम तिवारी ने कस्बे की कान्हा गौशाला का औचक निरीक्षण किया। उन्हें महज 140 गोवंश मौके पर संरक्षित मिला। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी दिनेश आर्य ने फोन पर बताया कि बाकी गोवंश चरने के लिए गये हैं। जब संयुक्त निदेशक ने कहा कि गोवंश चरने जाता है तब 14 कुंतल भूसा और ढाई कुंतल पशु आहार कैसे प्रतिदिन खर्च हो रहा है। इस पर वह जवाब नहीं दे सके।
बता दें कि, कस्बे में बेसहारा गोवंश का गली-गली आतंक है। इनके संरक्षित होने का दावा खोखला है। इनकी आड़ में भूसा चारा के नाम पर प्रतिमाह बड़ी रकम डकारी जा रही है संयुक्त निदेशक ने अधिशासी अधिकारी को कड़ी फटकार लगाते हुए बेसहारा गोवंश को पूर्ण रूप से संरक्षित करने के कड़े निर्देश दिए हैं। निरीक्षण के दौरान पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अंकुर सचान, पशुधन प्रसार अधिकारी आरबी यादव आदि मौजूद रहे। नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी दिनेश आर्य ने बताया कि रिकॉर्ड में दर्ज गोवंश से ज्यादा गोवंश संरक्षित है। निरीक्षण के दौरान गोवंश गौशाला में मौजूद मिला है। लेकिन नोडल अधिकारी ने अंदर भ्रमण ही नहीं किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / पंकज मिश्रा