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गोरखपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। उप्र के गोरखपुर जिले के जाने माने कवि, लेखक अब्दुर्रहमान गेहुंआसागरी (81) का सोमवार रात 10:37 बजे निधन हो गया। उनके निधन पर कला व साहित्य प्रेमियों ने दुख प्रकट करते हुए विनम्र श्रद्धांजलि दी। यह जानकारी उनके सुपुत्र फिल्म लेखक ओबैदुर्रहमान गेहुंआसागरी बाबू भाई ने दी ।
अब्दुर्रहमान मूलत: गेहुंआ सागर (बड़गों) के रहने वाले थे। वह इस समय संतकबीर पूरम (फुलवरिया) में रह रहे थे। काफी दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। वह अपने साहित्य के क्षेत्र में हिंदी भोजपुरी गीत, बच्चों के लिए कविता, गजल, कहानी, उपन्यास आदि की रचना की जिसमें मुख्य रूप से 'गीत मेरे आवाज़ तुम्हारी' हिंदी भोजपुरी गीत, पनिहारी, पनघट, गीतकलश, बोले बालम चिरई भोजपुरी गीत, भटकती किरन उपन्यास, तितली, गुड़िया रानी, गुड़िया गुड्डा, हरसिंगार के फूल, रजनीगंधा बच्चों के लिए कविता, खिसकती जमीन गीत, नन्हें गुलाब, नन्हें सिपाही, मधु कलश, सिसकती आहटें आदि की रचना की। गेहुंआसागरी का जाना गोरखपुर के कला प्रेमियों व साहित्य प्रेमियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके निधन पर युवा वरिष्ठ रंगकर्मी बेचन सिंह, फिल्म लेखक निर्देशक प्रदीप जायसवाल, देशबंधु पांडेय, कौशलेंद्र भूषण, बीएनए पासआउट धर्मेंद्र भारती, धर्मेंद्र श्रीवास्तव, राजू रोमन, संजू सोलंकी, संजू राज, अजय श्रीवास्तव, कवि व लेखक राजकुमार सिंह, दिवाकर यादव आदि ने गहरा दुख प्रकट किया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय