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रांची, 29 जुलाई (हि.स.)। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने मंगलवार को मोरहाबादी स्थित कल्याण कॉम्प्लेक्स में विभागीय समीक्षात्मक बैठक की।बैठक की अध्यक्षता करते हुए मंत्री ने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। इसके लिए पारदर्शिता और ज़मीनी निगरानी अनिवार्य है। इसपर अधिकारी ध्यान दें।
बैठक में कई फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना (सीएमईजीपी) के तहत युवाओं के लिए ऋण प्रक्रिया को सरल बनाने और योजना के प्रचार-प्रसार को तेज करने का निर्णय लिया गया। वहीं, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सिरसी-ता-नाले महोत्सव को विकसित करने की योजना बनी।
हिंदपीढ़ी क्षेत्र में आदिवासी छात्रों के लिए मेडिकल और इंजीनियरिंग की निःशुल्क तैयारी के लिए फिजिक्स वाला संस्था के सहयोग से कोचिंग सेंटर संचालन पर टेंडर प्रक्रिया पर चर्चा की गई। यह कदम आदिवासी युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर अवसर देने की दिशा में बड़ा प्रयास माना जा रहा है।
इसके अलावा आदिवासी क्षेत्रों में कोल्ड स्टोरेज, प्रोसेसिंग प्लांट, नर्सिंग होम और अस्पताल निर्माण, धूमकुड़िया भवन निर्माण, आईटीआई प्रशिक्षण प्रस्ताव, और छात्रावास पोषण योजना की गुणवत्ता समीक्षा की गई।
ओबीसी छात्रों के लिए केंद्र सरकार से लंबित 275 रुपए करोड़ की छात्रवृत्ति जल्द जारी कराने के प्रयास, प्रमाण पत्रों की त्वरित आपूर्ति और मारांग गोमके विदेश छात्रवृत्ति योजना को विस्तार देने सहित अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।
बैठक में विभागीय सचिव कृपानंद झा, आयुक्त कुलदीप चौधरी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / Manoj Kumar