प्रतिभागियों को समझाई गईं आपदा प्रबंधन की बारीकियां
*महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय में नर्सिंग स्टॉफ के प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम का दूसरा दिन*


*महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय में नर्सिंग स्टॉफ के प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम का दूसरा दिन*


गोरखपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय में नर्सिंग स्टॉफ हेतु संचालित प्रोफेशनल डेवलपमेंट प्रोग्राम के दूसरे दिन मंगलवार काे चार तकनीकी सत्रों में प्रतिभागियों को आपदा प्रबंधन सहित अन्य व्यावहारिक विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।

दूसरे दिन के पहले तकनीकी सत्र में डिजास्टर मैनेजमेंट विषय पर प्रशिक्षक पूजा राठौर (नर्सिंग ट्यूटर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी) ने आपदा प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं जैसे प्राकृतिक आपदा, मानवजनित आपदा, अस्पताल आधारित आपात स्थितियों एवं उनकी प्रतिक्रिया रणनीतियों पर गहन जानकारी दी। इसमें प्रतिभागियों को आपात स्थितियों में त्वरित निर्णय एवं प्राथमिक चिकित्सा के प्रोटोकॉल्स की व्यावहारिक जानकारी दी गई।

दूसरे तकनीकी सत्र में हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग (डेमोंस्ट्रेशन एवं री-डेमोंस्ट्रेशन) पर प्रशिक्षक पूजा राठौर और नम्रता सिंह (नर्सिंग ट्यूटर, कॉलेज ऑफ नर्सिंग, आईएमएस, बीएचयू, वाराणसी) ने क्लीनिकल प्रक्रियाओं का वास्तविक अभ्यास करते हुए कौशल क्षमता को सुदृढ़ कराया। प्रशिक्षकों द्वारा सही तकनीकों का प्रदर्शन किया गया, जिसे प्रतिभागियों ने दोहराते हुए सीखा। तीसरे तकनीकी सत्र में सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट विषय पर प्रशिक्षक नम्रता सिंह ने प्रतिभागियों को सर्जिकल प्रक्रियाओं के दौरान सुरक्षा सुनिश्चित करने हेतु विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा अनुशंसित सर्जिकल सेफ्टी चेकलिस्ट की जानकारी दी गई। इस चेकलिस्ट के माध्यम से टीम कम्युनिकेशन, रोगी पहचान, उपकरणों की जाँच एवं संक्रमण नियंत्रण जैसे बिंदुओं पर बल दिया गया।

चौथे तकनीकी सत्र में प्रशिक्षक पूजा राठौर और नम्रता सिंह ने प्रत्येक प्रतिभागी के प्रदर्शन का मूल्यांकन कर आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान किया। सभी सत्रों की विषयवस्तु ने नर्सिंग स्टाफ को न केवल व्यावहारिक दक्षता प्रदान की, बल्कि रोगी सुरक्षा एवं आपदा प्रतिक्रिया जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन समझ भी विकसित की।

इस कार्यक्रम को सफल बनाने में चिकित्सा अधीक्षक डॉ. रोहित ऐलानी, निदेशक अस्पताल प्रशासन डॉ. हरिओम शरण, डॉ. रघुराम, डॉ. प्रतीक सिंह, ममता रावत, रिंकी सिंह आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

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हिन्दुस्थान समाचार / प्रिंस पाण्डेय