Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर आतंक के प्रति नरम रूख अपनाने का आरोप लगाया और कहा कि इसका कारण तुष्टीकरण की राजनीति रही है। उन्होंने कहा कि इसी के चलते कठोर कानूनों को कमजोर करने की कोशिश की गई। आतंकी हमलों को हिन्दू आतंक से जोड़ने की कोशिश की गई।
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा में जारी पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर विशेष चर्चा में आज भाग लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कभी राष्ट्रीय सुरक्षा का विजन नहीं था और आज पार्टी इसके बारे में सोच भी नहीं सकती।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस की कमज़ोर सरकारों के कारण देश को कई जानें गँवानी पड़ीं, हमें अपनों को खोना पड़ा। आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमारी सरकार ने 11 सालों में ये कर दिखाया है। कांग्रेस के राज में आतंकवाद के फैलने का एक बड़ा कारण उनकी तुष्टिकरण की राजनीति रही है।
उन्होंने कहा, “जब देश पर मुंबई में 26/11 का बड़ा आतंकी हमला हुआ, तो हमने एक पाकिस्तानी आतंकवादी को ज़िंदा भी पकड़ा। दुनिया ने इसे स्वीकार किया, पाकिस्तान ने भी इसे स्वीकार किया, लेकिन कांग्रेस 'भगवा आतंकवाद' की थ्योरी को आगे बढ़ाने में लगी रही। वे हिंदू आतंकवाद का नैरेटिव गढ़ने की कोशिश कर रहे थे।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “उनके (कांग्रेस) के एक नेता ने तो एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक से यहाँ तक कहा था कि भारत में हिंदू समूह लश्कर-ए-तैयबा से भी बड़ा ख़तरा हैं।”
उन्होंने कहा कि संसद हमले के बाद अफजल गुरु को क्लीन चिट देने की कोशिश की गई। 26/11 हमले के बाद वोट बैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस इसे भगवा आतंक सिद्ध करने में जुट गई। उन्होंने कहा कि तुष्टिकरण के लिए जम्मू-कश्मीर में बाबा साहेब के संविधान को कदम नहीं रखने दिया।
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बाटला हाउस मुठभेड़ के दौरान एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता की आँखों में आँसू थे, शहीद अधिकारियों के लिए नहीं, बल्कि इसलिए कि आतंकवादी मारे गए।
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / अनूप शर्मा