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जोधपुर, 29 जुलाई (हि.स.)। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया जोधपुर चैप्टर द्वारा एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज के सहयोग से खनन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के अनुप्रयोग, संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आज एक निजी होटल में शुरू हुई। संगोष्ठी दो दिन तक चलेगी।
चैप्टर चेयरमैन एके जायसवाल ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य खनन उद्योग में तकनीकी नवाचार, कार्यक्षमता, सुरक्षा एवं पारदर्शिता को बढ़ाना है। एमबीबी पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर सुशील भंडारी ने बताया कि एआई व एमबीएम एलुमनी एसोसिएशन का यह संयुक्त प्रयास भारत के खनन परिदृश्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को एक व्यवहारिक, सुलभ और प्रभावी उपकरण के रूप में स्थापित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने बताया कि यह संगोष्ठी ऐसे समय पर आयोजित हो रही है जब वैश्विक प्रतिस्पर्धा, संसाधनों की सीमितता, और टिकाऊ विकास की अनिवार्यता ने खनन क्षेत्र को माइनिंग 4.0 की दिशा में परिवर्तित होने के लिए प्रेरित किया है। खनन उद्योग देश की बुनियादी अवसंरचना का मेरुदंड है और सकल घरेलू उत्पाद में इसकी महती भूमिका है। लेकिन यह भी निर्विवाद सत्य है कि किसी भी राष्ट्र की खनिज संपदा सीमित होती है। ऐसे में, केवल खनन ही नहीं, संपूर्ण खनिज जीवन चक्र- खोज, निष्कर्षण, परिवहन, प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन एवं अपशिष्ट प्रबंधन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के अनुप्रयोग को अपनाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश