नागद्वारी यात्रा का समापन, 6 लाख भक्तों के जयकारों से पचमढ़ी बनी शिवधाम
नागद्वारी यात्रा


- सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में स्थित पद्मशेष नागद्वार मंदिर में वर्ष 2026 तक प्रवेश रहेगा प्रतिबंधित

नर्मदापुरम, 29 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के प्रसिद्ध हिल स्टेशन पचमढ़ी में प्रतिवर्ष की भांति इस साल भी मंगलवार शाम को नागपंचमी के अवसर पर 10 दिवसीय नागद्वारी तीर्थ यात्रा का समापन हुआ। लगभग 6 लाख से अधिक श्रद्धालु 10 दिवसीय चलने वाली इस अलौकिक यात्रा के साक्षी बने। दुर्गम रास्तों को पार करने के बाद सभी श्रद्धालुओं ने नागद्वारी दर्शन कर पुण्य लाभ अर्जित किया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में स्थित अद्भुत एवं दिव्य पद्माशेष नागद्वारी मंदिर अब अगले वर्ष नागपंचमी के पूर्व 10 दिवसों के लिए खुलेगा। तक तक इस मंदिर में प्रवेस प्रतिबंधित रहेगा।

मध्य प्रदेश की अमरनाथ यात्रा कही जाने वाली नागद्वारी यात्रा में पूर्व वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष अधिक संख्या में श्रद्धालु पचमढ़ी पहुंचे एवं अपने आराध्य नाग देवता के दर्शन करने के लिए 20 किलोमीटर लंबी कठिन यात्रा पुरी की। ढोल नगाड़ों की ताप पर नाचते एवं भगवान भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए बड़े-बड़े एवं भारी त्रिशूल लिए भक्ति भाव में तल्लीन श्रद्धालुओं की अपने आराध्य के प्रति आस्था देखते ही बनती है।

नागद्वारी मेले में इस वर्ष मानसून भी अधिक मेहरबान रहा। पूरी मेला अवधि के दौरान बारिश ने पचमढ़ी की वादियों को और अधिक खुशनुमा एवं दर्शनीय बना दिया, जैसे श्रद्धालुओं ने अपने कैमरे में मध्य प्रदेश के इस एकमात्र हिल स्टेशन की यादों को हमेशा के लिए कैद कर लिया। साल में एक बार दर्शन देने वाले भगवान पदमशेष की आराधना करने से श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की विपत्तियां रोक नहीं सकी।

नर्मदापुरम कलेक्टर सोनिया मीना ने बताया कि नागद्वारी मेला इस वर्ष ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर केंद्रित रहा, जिसमें प्रत्येक सेक्टर पॉइंट पर सफाई मित्रों ने पूरी तत्परता से काम करने के दौरान कचरे के निष्पादन के लिए गीले एवं सूखे कचरे का एकत्रीकरण कर मेले को स्वच्छ बनाए रखने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। संपूर्ण नागद्वारी मेले के दौरान इस वर्ष लगभग तीन टन कचरे का निष्पादन किया गया। मेले को स्वच्छ रखने के इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए जिले की विभिन्न नगर पालिकाओं से आए स्वच्छता मित्र एवं एसटीआर ने मिश्रा ट्रेडर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर प्रत्येक दुकानों से कचरा को एकत्रित कर उसे पुनः रीसायकल करने एवं इसका निष्पादन करने के लिए गार्बेज कलेक्शन प्वाइंट तक निरंतर पहुंचाया।

नागद्वारी मेले के सफल संचालन के लिए प्रशासनिक अमले के अधिकारी कर्मचारी भी दिन-रात श्रद्धालुओं की सहायता के लिए मेले में बनाए गए 16 सेक्टर पॉइंट में निरंतर अपनी सेवा देते रहे। इस वर्ष नागद्वारी मेले में राजस्व विभाग से 50, होमगार्ड एवं एसडीआरएफ के 87 जवानों की टीम, स्वास्थ्य विभाग के लगभग 50 चिकित्सीय स्टाफ, विभिन्न नगर पाली गांव से मिले को साफ सुथरा रखने के लिए पहुंचे लगभग 86 सफाई मित्र, पुलिस विभाग के लगभग एक हजार जवान एवं अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी सहित कुल मिलाकर 1400 से अधिक अधिकारियों एवं कर्मचारी ने विषम परिस्थिति में भी नागद्वारी मेले के सफल संचालन में अपनी महती भूमिका निभाई।

मेले में छावनी परिषद पचमढ़ी द्वारा भी साफ-सफाई, पेयजल आदि की व्यवस्था को सुनिश्चित किया गया। परिषद द्वारा इस वर्ष नवाचार करते हुए विभिन्न सेक्टर पॉइंट के पास मोबाइल चार्जिंग स्टेशन तैयार किए गए। जिससे कि मेले में आए भक्तों को अपने मोबाइल फोन को चार्ज करने के लिए असुविधा का सामना न करना पड़े। पूरे मेला क्षेत्र में महाराष्ट्र से आए 40 से अधिक सेवा मंडल द्वारा भंडारों का आयोजन निरंतर किया गया एवं लगभग 800 छोटी बड़ी दुकान भी संचालित हुई जिसमें दुकानदारों द्वारा विभिन्न सामग्री का विक्रय किया गया।

मेले में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा निरंतर भ्रमण कर मेले की व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। मेले में संभाग आयुक्त कृष्ण गोपाल तिवारी, कलेक्टर सोनिया मीना, पुलिस अधीक्षक डॉ. गुरकरन सिंह, जिला पंचायत सीईओ सोजन सिंह रावत एवं एसडीएम अनीशा श्रीवास्तव ने निरंतर मेले की गतिविधियों की मॉनिटरिंग की, साथ ही समय समय पर भ्रमण कर मेले की व्यवस्थाओं का जायजा भी लिया।

नागद्वारी यात्रा ऐतिहासिक दृष्टिकोण एवं अपने धार्मिक महत्व के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है। मध्य प्रदेश के एकमात्र हिल स्टेशन पर की जाने वाली इस धार्मिक यात्रा को प्रदेश की अमरनाथ यात्रा भी कहा जाता है, जो कि वर्ष में केवल एक बार ही की जाती है। सभी श्रद्धालु एवं सेवा मंडल अब आगामी नागद्वारी यात्रा 2026 का पूरे श्रद्धा भाव से इंतजार करेंगे एवं प्रशासन के सहयोग से इसी प्रकार आगामी वर्ष भी यात्रा का आयोजन में इसी उल्लास एवं आस्था के साथ सम्मिलित होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर