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वाराणसी, 29 जुलाई (हि.स.)। यूपी के वाराणसी जिले में पहलवानी का प्रशिक्षण देने वाले अजय यादव ने मंगलवार को कहा कि नाग पंचमी का इंतजार वर्षभर करने के बाद प्रशिक्षित पहलवान मुकाबले में भाग ले रहे हैं। सभी पहलवान अखाड़े में जोर आजमाइश कर शरीर का बल दिखा रहे हैं। दांव पेंच से कुश्ती जीती जाती है और नाग पंचमी मुकाबले में प्रशिक्षित पहलवानों का भाग लेना काशी की पुरानी परंपरा है।
अजय यादव ने कहा कि शहर के मध्य बेनिया बाग स्थित राम सिंह अखाड़े से उन्होंने पहलवानी शुरु की थी। वह अपने गुरु राणा से पहलवानी सीखते थे और बाद में स्वयं ही पहलवानों को प्रशिक्षण देने लगे। उनसे प्रशिक्षण लेने वाले पहलवानों में मैदागिन, सारनाथ, आशापुर, पांडेपुर, अस्सी सहित बनारस के बाहर के भी निवासी है।
पहलवानों ने गंगा जल को शरीर पर लगाकर चुस्ती फुर्ती की कामना
शहर के भीतर बड़े अखाड़े में औघड़ नाथ तकिया (पिपलानी कटरा), पंडा जी का अखाड़ा (बांस फाटक), रामसेवक अखाड़ा (अस्सी), कर्णघंटा अखाड़ा (बुलानाला), संतराम अखाड़ा (मणिकर्णिका घाट), गया सेठ अखाड़ा, स्वामीनाथ अखाड़ा, नरोत्तमपुर अखाड़ा, बबुआ पांडेय अखड़ा, सोनिया अखाड़ा, सकूर जिलानी अखाड़ा, बड़ा गणेश अखाड़ा लोहटिया, रामसिंह अखाड़ा बेनियाबाग में नागपंचमी पर आयोजित कुश्ती प्रतियोगिता में पहलवानों के मुकाबले देखे। मणिकर्णिका घाट के पास पानी लगे होने के कारण पहलवानों को आने जाने में थोड़ी दिक्कत महसूस हुई। पहलवानों ने गंगा के जल को भी अपने शरीर पर लगाकर चुस्ती फुर्ती की कामना की।
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हिन्दुस्थान समाचार / श.चन्द्र