गुरुग्राम समेत प्रदेश के पांच जिलों में होगी मेगा मॉक ड्रिल
गुरुग्राम समेत प्रदेश के पांच जिलों में होगी मेगा मॉक ड्रिल


-एक अगस्त को अभ्यास सुरक्षा चक्र के तहत की जाएगी यह मॉक ड्रिल

गुरुग्राम, 29 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के साथ मिलकर एक अगस्त 2025 को पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल अभ्यास सुरक्षा चक्र का आयोजन करेगा। यह अभ्यास गुरुग्राम समेत प्रदेश के पांच जिलों गुरुग्राम, रेवाड़ी, फरीदाबाद, नूंह और पलवल में होगा। एक अगस्त को पूर्ण पैमाने पर अभ्यास के दौरान सुबह नौ बजे सायरन बजेगा, जिससे अभ्यास शुरू होगा। उसके बाद तत्काल निकासी प्रक्रिया शुरू होगी।

हरियाणा की वित्त आयुक्त राजस्व (एफसीआर) डॉ. सुमिता मिश्रा ने मंगलवार को बताया कि यह व्यापक आपदा प्रबंधन अभ्यास पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के लिए एक अगस्त, 2025 तक चार दिवसीय पहल के तहत चल रहा है, जिसका उद्देश्य भूकंप और औद्योगिक रासायनिक खतरों जैसी बड़े पैमाने की आपदाओं की स्थिति में वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का गहन मूल्यांकन और सुदृढ़ीकरण करना है। इस अभ्यास में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के 18 जिलों के साथ-साथ भारतीय सेना के पश्चिमी कमान मुख्यालय और दिल्ली क्षेत्र मुख्यालय की भागीदारी शामिल है।

उन्होंने आगे कहा कि इस अभ्यास का उद्देश्य अंतर-एजेंसी समन्वय को मज़बूत करना, मौजूदा आपदा प्रबंधन योजनाओं को मान्य करना और प्रशासन, सशस्त्र बलों, आपातकालीन सेवाओं और सामुदायिक हितधारकों, सभी स्तरों पर घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को शामिल करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण के माध्यम से वास्तविक समय की आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमताओं का कठोर परीक्षण करना, आपातकालीन सहायता कार्यों (ईएसएफ) को मजबूत करना और संसाधन अंतराल की पहचान करना है।

डॉ. मिश्रा ने कहा कि यह पहल हरियाणा में आपदा लचीलेपन के लिए एक मानक स्थापित करती है। इससे सक्रिय योजना, प्रभावी समन्वय और समावेशी भागीदारी के माध्यम से वास्तविक जीवन की आपात स्थितियों के प्रबंधन की राज्य की क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। डॉ. मिश्रा ने बताया कि यह अभ्यास चरणों में होगा। 30 जुलाई को, मानेकशॉ केंद्र और विभिन्न केंद्र, राज्य और जिला अधिकारियों के प्रतिक्रियाकर्ताओं के साथ एक टेबल टॉप अभ्यास (टीटीईएक्स) एक साथ आयोजित किया जाएगा, ताकि परिदृश्यों पर चर्चा की जा सके और घटना कार्य योजनाएं (आईएपी) तैयार की जा सकें। यह अभ्यास प्रत्येक जिले में पांच स्थानों पर लाइव सिमुलेशन होंगे, इनमें एक स्कूल, सरकारी भवन, आवासीय क्षेत्र, अस्पताल और औद्योगिक क्षेत्र शामिल होंगे।

उन्होंने कहा कि आपदा मित्र, रेड क्रॉस, एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों को सक्रिय रूप से शामिल करने और स्थानीय हितधारकों के साथ व्यापक समन्वय करने का भी काम सौंपा गया है। महत्वपूर्ण बात यह है कि नागरिकों के लिए सभी जोखिम भरे वास्तविक जीवन सिमुलेशन से बचा जाएगा और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अग्निशमन सेवाओं के प्रशिक्षित कर्मी सभी बचाव अभियान चलाएंगे।

हिन्दुस्थान समाचार / ईश्वर