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धर्मशाला, 29 जुलाई (हि.स.)। एचआईवी एड्स और टीबी के प्रति जागरूकता को लेकर मंगलवार को “युवा उत्सव मैराथन-रेड रन” का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम हिमाचल प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसायटी और राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम, हिमाचल प्रदेश के सहयोग से आयोजित किया गया। इस आयोजन का उद्देश्य युवाओं और आमजन में एचआईवी/एड्स एवं तपेदिक (टीबी) के प्रति जागरूकता फैलाना था।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ चिकित्सा अधीक्षक, क्षेत्रीय अस्पताल धर्मशाला डॉ. अनुराधा शर्मा उपस्थित रहीं। डॉ. आर. के. सूद, जिला स्वास्थ्य अधिकारी कांगड़ा एवं जिला एड्स नियंत्रण अधिकारी कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
इस मैराथन में जिला भर के 14 रेड रिबन क्लब्स (कॉलेजों) से आए 60 विद्यार्थियों जिनमें 30 छात्र एवं 30 छात्राएं शामिल थी, ने भाग लिया। मैराथन को सीएमओ डॉ. राजेश गुलेरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मैराथन की कुल दूरी 5 किलोमीटर रही।
मैराथन के विजेता प्रतिभागियों में छात्राओं
में राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला की छात्रा नैंसी चौधरी प्रथम, इसी कॉलेज की छात्रा अदिति ठाकुर दूसरे तथा राजकीय महाविद्यालय शाहपुर की छात्रा स्नेहा तीसरे स्थान पर रही।
इसी तरह छात्र वर्ग में प्रथम स्थान पर राजकीय महाविद्यालय धर्मशाला के छात्र नारायण प्रथम, इसी कॉलेज के विजय दूसरे तथा द्रोणाचार्य पीजी कॉलेज, रैत के छात्र विकास तीसरे स्थान पर रहे।
मैराथन के उपरांत, सीएमओ कार्यालय कांगड़ा के सभागार में सम्मान समारोह का आयोजन हुआ, जिसमें प्रतिभागियों एवं उनके साथ आए नोडल अधिकारियों को जलपान एवं रिफ्रेशमेंट प्रदान किया गया।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश गुलेरी ने विजेताओं को पुरस्कार वितरित किए और अपने संबोधन में कहा कि “एचआईवी और टीबी दो ऐसी गंभीर बीमारियां हैं जिन्हें वर्ष 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों के तहत समाप्त करने का लक्ष्य है। इसके लिए समाज के हर वर्ग को मिलकर प्रयास करने की आवश्यकता है। युवाओं को न केवल स्वयं स्वस्थ और फिट रहने की आदत डालनी चाहिए, बल्कि अपने माता-पिता, रिश्तेदारों, दोस्तों और समाज में भी एचआईवी और टीबी की जांच तथा समय पर इलाज के प्रति जागरूकता फैलानी चाहिए। उन्होंने कहा कि खेलों और फिटनेस का हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। युवाओं को अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए, रचनात्मक गतिविधियों में भाग लेकर अपनी ऊर्जा और प्रतिभा को समाजहित में लगाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया