धर्मशाला के कश्मीर हॉउस से शुरू हुआ एचपीटीडीसी का मुख्यालय
एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक बैठक करते हुए।


बैठक करते हुए एमडी एचपीटीडीसी।


धर्मशाला, 29 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश सरकार की कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की परिकल्पना अब मूर्तरूप ले रही है। इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के तहत हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के सभी होटलों का संचालन अब धर्मशाला स्थित ऐतिहासिक कश्मीर हाउस भवन से किया जा रहा है। मंगलवार को कश्मीर हाउस से एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार की उपस्थिति में यहां से काम काज शुरू हो गया। फिलहाल 30 कर्मचारियों के आदेश यहां के लिए किए गए हैं जिनमें मंगलवार तक 25 अधिकारियों और कर्मचारियों ने कश्मीर हाउस में बने राज्य मुख्यालय में अपना कार्यभार संभाला है जबकि अन्य कर्मचारी भी जल्द ही कार्यभार संभाल लेंगे।

कश्मीर हाउस का है एक ऐतिहासिक महत्व

धर्मशाला का कश्मीर हाउस सिर्फ एक कार्यालय भवन नहीं, बल्कि अपने आप में एक ऐतिहासिक महत्व रखता है। यह भवन अंग्रेजों के समय से ही एक प्रमुख स्थल रहा है और अब एचपीटीडीसी के राज्य मुख्यालय के रूप में इसकी गरिमा और बढ़ गई है। इस केंद्र से समूचे हिमाचल प्रदेश में फैले निगम के होटलों के कामकाज का संचालन किया जाएगा, जो पर्यटन गतिविधियों में एक नई जान फूंकेगा।

कांगड़ा को पर्यटन राजधानी बनाने की पहल

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार कांगड़ा को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करने पर जोर दे रहे हैं। धर्मशाला में एचपीटीडीसी का यह राज्य मुख्यालय स्थापित करना इसी दूरदर्शी योजना का एक अहम हिस्सा है। यह पहल न केवल कांगड़ा क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि पूरे राज्य के पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।

उधर एचपीटीडीसी के प्रबंध निदेशक डॉ राजीव कुमार ने बताया कि धर्मशाला से एचपीटीडीसी के संचालन से निगम को बेहतर समन्वय और प्रबंधन सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। 30 नए अधिकारियों और कर्मचारियों के जुड़ने से मुख्यालय में कार्यक्षमता बढ़ेगी और पर्यटन से संबंधित सभी निर्णय और उनका कार्यान्वयन अधिक सुचारु रूप से हो पाएगा। यह कदम हिमाचल प्रदेश को एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

गौरतलब है कि बीते दिन ही सरकार ने एचपीटीडीसी के मुख्यालय को शिमला से धर्मशाला शिफ्ट किये जाने की अधिसूचना जारी की थी। इसके एक दिन बाद ही यहां से काम काज शुरू हो गया है।

हिन्दुस्थान समाचार / सतेंद्र धलारिया