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जम्मू, 29 जुलाई (हि.स.)। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) नलिन प्रभात ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर पुलिस उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के दिए गए उस मूलमंत्र पर कार्य रही है, जिसमें उन्होंने कहा था कि 'निर्दाेष को न छुओ और दोषियों को न बख्शो'। नए कानून धीरे-धीरे जमीनी स्तर पर लागू हो रहे हैं और पीड़ित-केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित हैं। उन्होंने जम्मू में एक समारोह को संबोधित करते हुए मुश्किलों में घिरे लोगों तक पहुंचने के प्रयासों में पुलिस की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हम उन लोगों तक पहुंचने की पूरी कोशिश करते हैं, जो उत्पीड़ित, व्यथित या पीड़ा में हैं। हम हर संभव तरीके से उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं, जिनके पास कोई सहारा नहीं है और हम उनकी सभी समस्याओं के समाधान में उनके साथ खड़े हैं। पुलिस की बहुआयामी मांगों पर प्रकाश डालते हुए डीजीपी ने पुलिस बल के कर्तव्यों की तुलना विभिन्न विषयों में उत्कृष्टता प्राप्त करने से की। उन्होंने कहा कि मैं अक्सर अपनी टीम से ऊंचे लक्ष्य रखने को कहता हूं, जैसे भौतिकी में नोबेल पुरस्कार जीतना, गणित में स्वर्ण पदक जीतना या किसी शीर्ष विश्वविद्यालय से पीएचडी हासिल करना। हमें हर भूमिका निभाने और वास्तविक बदलाव का माध्यम बनने के लिए तैयार रहना चाहिए।
डीजीपी प्रभात ने इस बात पर ज़ोर दिया कि समाज की कोई भी समस्या पुलिस के काम से अछूती नहीं है, ऐसे सभी मामलों में न्याय सुनिश्चित करना पुलिस का मिशन है। उन्होंने आगे कहा कि किसी न किसी तरह से न्याय दिलाना पुलिस का हमेशा से मिशन रहा है। जिस तरह संकट में फंसे किसी भी व्यक्ति या समाज के किसी भी वर्ग को न्याय दिलाना पुलिस का कर्तव्य है, उसी तरह पुलिस के प्रयासों में सहयोग करना भी समाज की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने पैसे के बदले नौकरी का वादा करके धोखाधड़ी करने वालों से सतर्क रहने का आग्रह किया।
उन्होंने कहा कि अपराध एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता है, जिसे सामाजिक जागरूकता के बावजूद पूरी तरह से समाप्त नहीं किया जा सकता। अपराध के खिलाफ़ पहली रक्षा पंक्ति समाज ही है। नागरिकों को सतर्क और ज़िम्मेदार रहना चाहिए। डीजीपी ने दोहराया कि पुलिस हमेशा जनता के साथ खड़ी रही है और आगे भी हर लड़ाई में ऐसा करती रहेगी, चाहे वह ड्रग्स, गैंगस्टर, सामान्य अपराध या आतंकवाद के खिलाफ हो। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि हर दिन पुलिस के लिए एक परीक्षा है और हमें हर दिन सर्वाेच्च पदक के योग्य परिणाम देने होंगे। हाल के कानूनी सुधारों पर टिप्पणी करते हुए प्रभात ने कहा कि सरकार ने नए कानून बनाए हैं, जिन्हें धीरे-धीरे ज़मीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है।--------------------------
हिन्दुस्थान समाचार / बलवान सिंह