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पहले चरण में मनसा व चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञ करेंगे सर्वे
देहरादून, 29 जुलाई (हि.स.)। मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि राज्य के अति महत्वपूर्ण मंदिर स्थलों को पहले चरण में क्राउड मैनेजमेंट के लिए सर्वेक्षण कराया जाएगा। इसके लिए उन्होंने पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण कराने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने स्थानीय प्रशासन और धार्मिक स्थलों के हितधारकों को इन विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।
मंगलवार को सचिवालय स्थित सभागार में मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने प्रदेश के महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में श्रद्धालुओं की सुरक्षा, भीड़ प्रबन्धन आदि के सम्बन्ध में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के ऐसे सभी धार्मिक स्थलों, जहां महत्वपूर्ण दिवसोंमें श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाओं की आशंका बनी रही है, को चिन्हित कर वहां अंशकालिक और दीर्घकालिक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। इससे हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर जैसी घटनाओं पर काबू पाने में मदद मिलेगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कर मार्गों का चौड़ीकरण कराया जाए। मार्गों से अतिक्रमण हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाएं। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों में भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का प्रयोग भी किया जाए। धार्मिक स्थलों में अत्यधिक भीड़ होने पर मार्गों पर श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए स्थल तैयार किये जाएं।
मुख्य सचिव ने श्रद्धालुओं की संख्या का आकलन करने के लिए तकनीक का उपयोग करने और भीड़ प्रबंधन तंत्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए सभी प्रकार की भौतिक और तकनीकी व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। मुख्य सचिव ने अति महत्वपूर्ण मंदिरों को प्राथमिकता पर लेते हुए पहले चरण में मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि मंदिर का विशेषज्ञों के माध्यम से विश्लेषण करा लिया जाए। स्थानीय प्रशासन एवं धार्मिक स्थलों के हितधारकों को विशेषज्ञों की टीम को हर प्रकार की सहायता उपलब्ध कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए मंडलायुक्त होंगे नोडल अधिकारी हाेंगे।
उन्होंने कहा कि यह विशेषज्ञों की टीम मंदिर क्षेत्र का विश्लेषण कर भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और बॉटल नेक एरिया के लिए सिविल इंजीनियरिंग और तकनीकी पहलुओं का परीक्षण कर विभिन्न जगहों पर रुकने के स्थान आदि के लिए एक प्रॉपर प्लान और प्रॉपर एसओपी तैयार करेगी। भीड़ प्रबन्धन के लिए प्रत्येक धार्मिक स्थल के लिए रूट और सर्कुलेशन प्लान तैयार किया जाए, ताकि धार्मिक स्थलों में अचानक भीड़ ना हो और भीड़ होने की संभावना को देखते हुए श्रद्धालुओं को रोके जाने के लिए पूर्वनिर्धारित स्थानों में रोका जाए।
इस बैठक में पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगौली, धीराज सिंह गरब्याल, आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में माध्यम से कमिश्नर कुमायूं दीपक रावत सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश कुमार