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जम्मू, 29 जुलाई (हि.स.)। जम्मू और कश्मीर उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका दायर की गई है जिसमें भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) को नगरोटा और बडगाम में तत्काल विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश देने के लिए परमादेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। ये चुनाव 1 अक्टूबर 2024 को रिक्त घोषित किए गए थे। यह चुनाव सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इस विषय पर निर्धारित कानून और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के प्रावधानों के अनुरूप है।
अत्यधिक और अकथनीय देरी का आरोप लगाते हुए हर्ष देव सिंह जिन्होंने व्यक्तिगत रूप से उक्त रिट याचिका दायर की है ने कहा है कि उक्त दोनों विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव कराने से बाहरी कारणों से इनकार किया गया है और यह विभिन्न न्यायालयों के अनेक निर्णयों और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 ए के प्रावधानों का उल्लंघन है जिसके अनुसार ऐसी रिक्तियों की तिथि से छह महीने की अवधि के भीतर ऐसे चुनाव कराने का आदेश दिया गया है।
सिंह ने याचिका में बताया कि मौजूदा कानूनों के अनुसार उक्त चुनाव मार्च 2025 की समाप्ति से पहले कराए जाने आवश्यक हैं। सिंह ने अपनी याचिका में कहा 07.01.2025 को चुनाव अधिसूचना जारी करते समय मनमाने ढंग से इन चुनावों को अस्वीकार कर दिया गया था और चुनाव आयोग ने यह बयान दिया था कि भारी बर्फबारी के कारण उक्त दोनों सीटों पर उपचुनाव नहीं कराए जा सकते। चुनाव आयोग इस तथ्य से पूरी तरह अनजान था कि नगरोटा निर्वाचन क्षेत्र में अपने इतिहास में कभी बर्फबारी नहीं हुई है। 07.01.2025 की चुनाव आयोग की अधिसूचना के दौरान दिल्ली विधानसभा और उत्तर प्रदेश व तमिलनाडु की कुछ अन्य सीटों के लिए उपचुनाव की घोषणा करते हुए विधानसभा चुनावों को अस्वीकार कर दिया गया था।
25.05.2025 को एक और चुनाव अधिसूचना जारी करते हुए चुनाव आयोग ने एक बार फिर नगरोटा और बडगाम के लोगों को निराश किया। उक्त अधिसूचना में गुजरात, पश्चिम बंगाल, पंजाब और केरल राज्यों में उपचुनावों की घोषणा की गई, जबकि जम्मू-कश्मीर की दो सीटों के साथ अन्याय किया गया और एक बार फिर पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / रमेश गुप्ता