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शिमला, 29 जुलाई (हि.स.)। हिमाचल प्रदेश में एक बार फिर मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ऑरेंज अलर्ट के बीच राज्य के कई हिस्सों में सोमवार रात से तेज बारिश हो रही है, जिससे खासकर मंडी जिला में भारी तबाही हुई है। मंडी शहर के जेल रोड और हॉस्पिटल रोड इलाके में बादल फटने से अचानक नाले में बाढ़ आ गई और पानी व मलबा घरों में घुस गया। इस घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और एक घायल हुआ है। राहत और बचाव कार्य में जुटी पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने कई लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
मंडी के उपायुक्त अपूर्व देवगन ने तीन लोगों की मौत की पुष्टि की और बताया कि राहत व बचाव कार्य जारी है। इस बीच बाढ़ व मलबे से मंडी शहर में कई घरों में मलबा घुस जाने से करीब पंद्रह लोगों को बाहर निकाला गया। एक मकान में भारी मलबा घुस जाने से दो लोग फंस गए थे, जिन्हें खिड़की तोड़कर बाहर निकाला गया।
मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंडी शहर में सोमवार रात सर्वाधिक 198 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि पंडोह में 124 मिमी, कटौला में 89 मिमी, देहरा गोपीपुर में 74 मिमी, बरठीं, नादौन और ऊना में 72 मिमी बारिश हुई। मौसम विभाग ने आज मंगलवार को भी भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। वहीं 30 जुलाई से 4 अगस्त तक येलो अलर्ट रहेगा।
इधर, भारी बारिश के चलते बिलासपुर जिले के श्री नैना देवी शक्तिपीठ जाने वाले लिंक रोड पर भूस्खलन हुआ। श्रावण अष्टमी मेले के दौरान हजारों श्रद्धालु मंदिर पहुंच रहे हैं। लोक निर्माण विभाग और प्रशासन की टीमें सड़क को जल्द बहाल करने में जुटी हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार हिमाचल में इस समय तीन नेशनल हाइवे और 266 सड़कें बंद हैं। सभी तीनों बंद एनएच – एनएच-21, एनएच-154 और एनएच-03 मंडी जिले में हैं। मंडी में ही सबसे ज्यादा 177 सड़कें बंद हैं। इसके अलावा मंडी में 540 बिजली ट्रांसफार्मर और 39 पेयजल योजनाएं ठप पड़ी हैं। पूरे राज्य में 649 ट्रांसफार्मर और 98 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। लोक निर्माण विभाग, जलशक्ति विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें राहत कार्य में लगी हैं, और एनडीआरएफ को भी अलर्ट पर रखा गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले 30 जून की रात मंडी जिला में बादल फटने की दर्जनभर घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा नुकसान सराज क्षेत्र को हुआ था। पूरे प्रदेश में 20 जून को मानसून आने के बाद से अब तक भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से 164 लोगों की जान जा चुकी है, 269 लोग घायल हुए और 35 लोग लापता हैं। अकेले मंडी जिले में अब तक 32 मौतें और 27 लोग लापता हुए हैं। कांगड़ा में 24, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 13, सोलन और ऊना में 11-11, किन्नौर में 11, हमीरपुर में 10, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 मौतें दर्ज हुई हैं।
बारिश और भूस्खलन से अब तक प्रदेश में 1320 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 418 घर पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, जहां 986 घर प्रभावित हुए और इनमें 376 घर पूरी तरह गिर गए। इसके अलावा करीब 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1402 मवेशियों की भी मौत हुई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अब तक प्रदेश में लगभग 1523 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 780 करोड़ और जलशक्ति विभाग को 499 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। अब तक राज्य में 42 बार फ्लैश फ्लड, 25 बार बादल फटने और 32 बार भूस्खलन की घटनाएं रिकॉर्ड हुई हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / उज्जवल शर्मा