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नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने करोल बाग इलाके में छापेमारी कर नकली ऑटोमोबाइल पार्ट्स के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने अलग-अलग चार ठिकानों पर एक साथ छापे मारकर करीब 50 लाख रुपये के नकली ऑटो पार्ट्स और 19 लाख रुपये नकद जब्त किए हैं। इस दौरान 11 आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस के मुताबिक इस छापेमारी में तीन नामी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स के नाम पर बिक रहे नकली ब्रेक शू, चेन सेट, शॉकर, स्पार्क प्लग, इंजन ऑयल, फिल्टर, क्लच प्लेट आदि बरामद किए गए। साथ ही ब्रांडेड पैकिंग मैटेरियल, होलोग्राम, फर्जी लेबल्स और प्रिंटिंग मशीनें भी जब्त की गईं।
पुलिस अधिकारी के अनुसार क्राइम ब्रांच को 26 जुलाई को करोल बाग के चार ठिकानों शिवाजी स्ट्रीट, गुरु नानक मार्केट, सुभाष मोहल्ला और पूसा लेन में एक साथ छापा मारा। ये सभी जगह नकली पुर्जों के स्टोर और सप्लाई हब के रूप में इस्तेमाल की जा रही थीं।
पुलिस ने शिवाजी स्ट्रीट से तीन आरोपित धीरज, अमित और विक्की नागपाल को गिरफ्तार किया। यहां से पुलिस ने नकली चेन सेट, ब्रेक शू और शॉकर बरामद किए। इसी क्रम में गुरु नानक मार्केट से पुलिस ने तीन आरोपित हर्ष, रिंकू और रविंदर को दबोचा। इनके कब्जे से पुलिस ने 8.68 लाख नकद और बड़ी संख्या में नकली स्पार्क प्लग बरामद किये। वहीं क्राइम ब्रांच ने सुभाष मोहल्ला से राघवेंद्र, सचिन और विनोद को दबोचा। इनसे पुलिस ने सात लाख नकद और पैकिंग मैटेरियल बरामद किया। इसके बाद पुलिस ने पूसा लेन से अशोक मल्होत्रा उर्फ आशु और आलोक उर्फ मोंटी को गिरफ्तार किया। पुलिस ने इनसे 4.07 लाख नकद और बड़ी मात्रा में फर्जी पैकिंग जब्त की।
गिरफ्तार आरोपितों का प्रोफाइल
मुख्य आरोपित धीरज सिंह, उत्तम नगर का निवासी। वह कॉमर्स ग्रेजुएट है और पिछले चार वर्षों से इस धंधे में लिप्त था। अन्य आरोपित नकली पैकिंग सप्लाई, फर्जी लेबल तैयार करने, नकद लेनदेन छिपाने और मार्केट में माल सप्लाई करने जैसे कामों में शामिल थे।
कैसे करते थे फर्जीवाड़ा
गिरोह सस्ते और घटिया क्वालिटी के पुर्जे खरीदकर नामी ब्रांड्स के नकली लेबल, होलोग्राम और पैकिंग में बेचता था। ये पुर्जे दिखने में असली जैसे लगते थे। जिससे ग्राहक धोखे में आ जाते थे। इन पुर्जों की बिक्री दिल्ली-एनसीआर के अलावा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भी की जाती थी।
ग्राहकों की जान से खिलवाड़
पुलिस अधिकारी के अनुसार सबसे खतरनाक बात यह थी कि गिरोह नकली ब्रेक शू और ब्रेक पैड जैसे सुरक्षा से जुड़े अहम पुर्जे भी बेच रहा था, जो गाड़ी में हादसे का कारण बन सकते थे। पुलिस का कहना है कि इन लोगों ने महज मुनाफे के लिए आम लोगों की जान जोखिम में डाल दी। पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ कॉपीराइट अधिनियम की धारा 63/65 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। साथ ही पूरे नेटवर्क की जांच जारी है, जिससे इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों की भी पहचान की जा सके।
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हिन्दुस्थान समाचार / कुमार अश्वनी