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कठुआ 29 जुलाई (हि.स.)। ऐसी दुनिया में जहाँ सीमाएँ अक्सर व्यक्ति की सीमाओं को निर्धारित करती हैं कठुआ के व्हीलचेयर उपयोगकर्ता शिक्षक मनबीर सिंह यह साबित कर रहे हैं कि दृढ़ संकल्प, जुनून और नवाचार हर बाधा को तोड़ सकते हैं।
वर्तमान में जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के शिक्षा विभाग के अंतर्गत सरकारी मिडिल स्कूल चक शेखां कठुआ में तैनात मनबीर सिंह ने हाल ही में एक दुर्लभ अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि हासिल करके सुर्खियाँ बटोरीं। वह जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के एकमात्र दिव्यांग शिक्षक बने जिन्होंने गूगल सर्टिफाइड एजुकेटर लेवल 2, अंतरराष्ट्रीय परीक्षा उत्तीर्ण की एक ऐसी उपलब्धि जिसने न केवल उनके स्कूल को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित किया, बल्कि शिक्षा जगत के अनगिनत अन्य लोगों को भी प्रेरित किया। मनबीर को गूगल द्वारा हाल ही में मिली मान्यता सिर्फ एक प्रमाणपत्र से कहीं बढ़कर है। यह ग्रामीण कक्षाओं में विश्वस्तरीय शिक्षा लाने के लिए दृढ़ संकल्पित व्यक्ति के लचीलेपन, नवाचार और अटूट भावना का प्रतीक है। यह अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन मनबीर सिंह के लिए सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। यह उनके स्कूल, शिक्षा विभाग और पूरे केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए गर्व की बात है। एक ऐसे समाज में जहाँ विकलांग लोगों की उपलब्धियों पर अक्सर सीमाएँ लगा दी जाती हैं लेकिन मनबीर सिंह एक अलग ही कहानी लिख रहे हैं।
मनबीर अटूट विश्वास के साथ कहते हैं कि मैं व्हीलचेयर का उपयोग करता हूँ, मैंने कभी भी अपनी विकलांगता को अपनी क्षमताओं को परिभाषित नहीं करने दिया। मेरा उद्देश्य नई और आधुनिक शैक्षिक प्रथाओं के माध्यम से छात्रों को सशक्त बनाना है। मनबीर सिंह न केवल पेशे से शिक्षक हैं, बल्कि कर्मठता से एक दूरदर्शी नेता भी हैं। कोविड-19 महामारी के दौरान जब कक्षाएँ अँधेरी हो गईं और कई लोगों के लिए पढ़ाई रुक गई, तो वे एक प्रकाश स्तंभ बनकर उभरे। संकट के दौरान उनके समर्पित प्रयासों को स्कूल शिक्षा निदेशक और तत्कालीन समग्र शिक्षा जम्मू के निदेशक द्वारा औपचारिक रूप से मान्यता दी गई। उन्हें अमेरिकन बोर्ड द्वारा न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामर के रूप में प्रमाणित और साइयुनी इंडिया द्वारा प्रमाणित करियर मेंटर भी प्राप्त है।
इसके अलावा वे फ्रॉम गुड टू ग्रेट द पाथ टू ट्रांसफॉर्मेशन एंड ग्रोथ नामक पुस्तक के लेखक भी हैं। कक्षा के बाहर उन्होंने कई उत्कृष्ट भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने विभिन्न प्रतिष्ठित कार्यक्रमों और शैक्षिक पहलों के लिए राज्य नोडल अधिकारी, राज्य समन्वयक, मास्टर ट्रेनर आईसीटी और जिला नोडल अधिकारी के रूप में कार्य किया है। समग्र शिक्षा योजना के तहत कोडिंग शिक्षा को लागू करने में उनके नेतृत्व के कारण उनके छात्रों के प्रोजेक्ट्स को 2022 कोडिंग हैकथॉन में सर्वोच्च सम्मान प्राप्त हुआ। युवा मस्तिष्कों को आकार देने और शिक्षा के आधुनिकीकरण में उनके योगदान को अनदेखा नहीं किया जा सकता। 2023 और 2024 दोनों में, मनबीर को जिला अधिकारियों द्वारा दो बार सर्वश्रेष्ठ शिक्षक के रूप में सम्मानित किया गया, जिसने शिक्षा प्रणाली में एक परिवर्तनकारी के रूप में उनकी भूमिका को और पुख्ता किया।
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हिन्दुस्थान समाचार / सचिन खजूरिया