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कोलकाता, 29 जुलाई (हि.स.) ।
उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में मुसलधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लगातार बारिश के कारण तिस्ता नदी उफान पर है और उसका जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। तिस्ता का खतरनाक बहाव कई सड़कों को अपनी चपेट में ले चुका है, जिससे दार्जिलिंग और कालिम्पोंग के बीच संपर्क टूट गया है। प्रशासन ने सोमवार रात से ही इन सड़कों पर वाहन आवागमन पर रोक लगा दी है और लोगों को वैकल्पिक मार्ग अपनाने की सलाह दी है।
उफनती तिस्ता नदी के पानी ने 10 नंबर राष्ट्रीय राजमार्ग के रबिझोरा और 29 माइल इलाके को पूरी तरह से जलमग्न कर दिया है। खासकर तिस्ता ब्रिज के पास कालिम्पोंग-दार्जिलिंग को जोड़ने वाली मुख्य सड़क पूरी तरह पानी में डूब चुकी है। पहाड़ों की मिट्टी लगातार ढीली हो रही है और भूस्खलन की आशंका भी बनी हुई है, जिससे हालात और गंभीर हो सकते हैं।
भारतीय मौसम विभाग ने मंगलवार को उत्तर बंगाल के कई जिलों—मालदा, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी—में हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ आंधी चलने की संभावना जताई है। इन इलाकों में 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं। बुधवार को भी उत्तर बंगाल के अधिकांश हिस्सों में इसी तरह की स्थिति बनी रहने की चेतावनी दी गई है। कूचबिहार और अलीपुरद्वार सहित कुछ जिलों में भारी बारिश (07 से 11 सेंटीमीटर) होने की भी संभावना जताई गई है।
जैसे-जैसे बारिश तेज हो रही है, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की आशंका और भी गहरा गई है। मौसम विभाग के मुताबिक अभी फिलहाल इस आपदा के थमने की कोई उम्मीद नहीं है। प्रशासन सतर्क है और प्रभावित क्षेत्रों में लगातार निगरानी रखी जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर