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नई दिल्ली, 29 जुलाई (हि.स.)। केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि आज भारत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में शांति की कीमत चुकाने में नहीं बल्कि शांतिभंग करने वालों से कीमत वसूलने में विश्वास रखता है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय में कारगिल विजय दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित 'एक भारत श्रेष्ठ भारत, अखंड भारत' कार्यक्रम का बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिन्दूर ने भारत की छवि को सैन्य और कूटनीतिक दोनों ही स्तरों पर बदल कर रख दिया है। पहले भारत रिएक्टिव था आज भारत न सिर्फ एक्टिव है बल्कि प्रोएक्टिव भी है।
उन्होंने अखंड भारत पर चर्चा करते हुए कहा कि अखंड भारत का विचार केवल एक नारा या आकांक्षा नहीं है। यह भारत के विचार में अंतर्निहित और यह भारत की आत्मा है। अखण्ड भारत का निर्माण त्याग, समर्पण और वीरता के मूल्यों से ही होगा।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के कई अनछुए पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि भगत सिंह के बलिदान ने देश भर को जागृत किया और भारत की आजादी की मांग देश के प्रत्येक घर से उठनी शुरू हुई। उन्होंने कांग्रेस द्वारा राष्ट्रीय हितों की अवहेलना पर प्रश्न खड़ा करते हुए कहा कि यदि 1947 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने एकतरफा संघर्ष विराम नहीं किया होता, तो पीओके आज भारत का हिस्सा होता और पीओके से संबंधित कोई समस्या ही नहीं होती। उन्होंने कहा कि हम वीर सावरकर के प्रति कांग्रेस द्वारा चलाए गए नैरेटिव के शिकार बने, क्योंकि कहीं न कहीं हम उस झूठे नैरेटिव का खंडन नहीं कर पाए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कारगिल विजय दिवस मनाने की प्रासंगिकता पर विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह दिन भारत के सैनिकों के शौर्य, त्याग और पराक्रम को याद करने का दिन है।
प्रो. सिंह ने कहा कि ऑपरेशन विजय से ऑपरेशन सिन्दूर तक भारत में गुणात्मक बदलाव हुए हैं। उन्होंने कहा कि आज भारत प्रतिकार करने में देर नहीं लगाता। यह बदलता हुआ भारत है जो पहलगाम का बदला 22 मिनट में लेता है और सिंधु जल समझौते को स्थगित करने की ताकत रखता है।
दिल्ली विश्वविद्यालय की मूल्य संवर्धन पाठ्यक्रम समिति एवं जम्मू और कश्मीर पीपल्स फोरम के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. निरंजन कुमार, फोरम के अध्यक्ष महेंद्र मेहता, सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर बृजेश पाण्डेय, विश्वविद्यालय के सभी उच्च पदाधिकारियों सहित विभागाध्यक्ष, प्राचार्य, संकाय सदस्य, शिक्षक, शोधार्थी और छात्र उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / माधवी त्रिपाठी