Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोकराझार (असम), 29 जुलाई (हि.स.)। विश्व मानव तस्करी विरोधी दिवस के अवसर पर कोकराझार जिला प्रशासन द्वारा जिला स्तरीय जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। जिला सामाज कल्याण कार्यालय के सहयोग से संकल्प : डीएचईडब्ल्यू, मिशन शक्ति, महिला एवं बाल विकास विभाग, असम के अंतर्गत मानव तस्करी और डायन प्रथा के खिलाफ आज जिला स्तरीय जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आज बीटीसी सचिवालय, बोडोफा नगर, कोकराझार के सभागार में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में मानव तस्करी और डायन प्रथा जैसी गंभीर सामाजिक कुरीतियों को लेकर विभिन्न हितधारकों को संवेदनशील बनाने और इन कुप्रथाओं को जड़ से समाप्त करने हेतु सामूहिक प्रयासों पर चर्चा की गई।
सभा को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव पामी ब्रह्म ने डायन प्रथा के व्यक्तिगत और सामाजिक प्रभाव पर प्रकाश डाला। उन्होंने विभागों के बीच समन्वय और सभी संबंधित पक्षों की सक्रिय भागीदारी को इन बुराइयों के विरुद्ध संघर्ष में आवश्यक बताया। उन्होंने कहा, “डायन प्रथा लोगों के जीवन को गहराई से प्रभावित करती है; इसे कानूनी उपायों, रोकथाम की पहल और सशक्त जन-जागरूकता अभियानों के माध्यम से समाप्त किया जाना चाहिए।” सचिव ब्रह्म ने कहा कि अंधविश्वास और गलत प्रथाओं के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है, क्योंकि शिक्षित वर्गों में भी बदलाव के प्रति झिझक देखी जाती है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सहायक एलएडीसी रोनाल एक्का ने मानव तस्करी और डायन प्रथा से संबंधित कानूनी प्रावधानों पर जानकारीपूर्ण सत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने पीड़ितों के अधिकारों और उपलब्ध कानूनी उपायों पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा मानव तस्करी पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई।
इस अवसर पर जिला सामाजिक कल्याण अधिकारी जिन्टू मोनी फुकन, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जिला जनसंपर्क अधिकारी, डोतमा, कचुगांव, कोकराझार और महामाया के बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), एनईडीएएन और एनईआरएसडब्ल्यूएन जैसी स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधि, एएसआरएलएम के अधिकारी, पर्यवेक्षक, वन स्टॉप सेंटर, जीविका सखी तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।
हिन्दुस्थान समाचार / किशोर मिश्रा