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बीजिंग, 29 जुलाई (हि.स.)।पिछले तीन साल से जनसंख्या में गिरावट का सामना कर रहे चीन ने सोमवार को दंपतियों को प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रव्यापी शिशु देखभाल नकद सब्सिडी नीति की घोषणा की है। सरकार का कहना है कि यह बच्चों के पालन-पोषण करने वाले परिवारों पर वित्तीय दबाव कम कर देश की जन्मदर को बढ़ावा देने के उद्देश्य लाई गई है।
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक चीन की सरकार तीन वर्ष से कम आयु के प्रत्येक बच्चे के माता-पिता को प्रति वर्ष 3,600 युआन (502 डॉलर) का नकद भुगतान करेगी। यह सब्सिडी बच्चे के तीन साल का होने तक दी जाएगी। 1 जनवरी, 2025 से पहले जन्मे और अभी भी तीन साल से कम उम्र के बच्चों के लिए यह सब्सिडी पात्र महीनों की संख्या के आधार पर आनुपातिक रूप से दी जाएगी।
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने बयान जारी कर कहा है कि राष्ट्रव्यापी बाल देखभाल सब्सिडी प्रणाली लागू करना एक नई नीति है जो लाखों परिवारों को प्रभावित करती है। इस नीति से हर साल शिशुओं और छोटे बच्चों वाले 2 करोड़ से ज़्यादा परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
एनएचसी के अनुसार, सभी स्थानीय निकाय बाल देखभाल सब्सिडी प्रणाली के लिए विस्तृत कार्यान्वयन योजनाएँ बनाने में लगे हुए हैं और इसके क्रियान्वयन की तैयारी कर रहे हैं। अगले माह अगस्त के अंत में देशभर में बाल देखभाल सब्सिडी के लिए आवेदन शुरू होने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन साल से देश की जनसंख्या में लगातार गिरावट आ रही है और संयुक्त राष्ट्र जनसांख्यिकी मॉडल का अनुमान है कि इस गिरावट के जारी रहने पर यह आज की 1.4 बिलियन से घटकर 2100 तक 800 मिलियन हो जाएगी।
पिछले वर्ष चीन में 9.54 मिलियन बच्चे पैदा हुए, जो 2016 की तुलना में आधी संख्या है। खास बात यह है कि साल 2016 में चीन ने तीन दशकों से लागू अपनी एक-बच्चा नीति खत्म की थी। हाल के वर्षों में पाया गया है कि चीन में विवाह दरों में भी भारी गिरावट आई है और ज्यादातर युवा दंपति बच्चों के पालन-पोषण पर होने वाले भारी-भरकम खर्च और करिअर संबंधी चिंताओं के चलते बच्चे पैदा करने से कतराते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव पाश