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- सीएम ने जनप्रतिनिधियों के प्राथमिकता वाले प्रस्तावों का सर्वे एवं निरीक्षण कर शीघ्र कार्यवाही का दिया आदेश
प्रयागराज, 29 जुलाई (हि.स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के चतुर्दिक विकास के लिए प्रारंभ की गई मण्डलवार जनप्रतिनिधि संवाद श्रृंखला के अन्तर्गत मंगलवार को सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रयागराज और विन्ध्यांचल मण्डल के सांसदों, विधायकों और विधान परिषद सदस्यों के साथ प्रस्ताव एवं कार्य योजना की समीक्षा कर दिशा निर्देश दिये।
उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों से उनके निर्वाचन क्षेत्रों की परिस्थितियों, जन अपेक्षाओं और विकासात्मक प्राथमिकताओं के विषय में व्यक्तिगत रूप से संवाद किया। बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की समीक्षा नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की जमीनी समझ और अनुभव के माध्यम से राज्य के क्षेत्र विशेष की समस्याओं को प्राथमिकता के साथ समझना और समाधान सुनिश्चित करना था।
उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केंद्र हैं प्रयागराज और विंध्याचलमुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रयागराज और विन्ध्यांचल क्षेत्र के विकास को सरकार प्राथमिकता दे रही है। यह दोनों मण्डल उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान के केन्द्र हैं। इन क्षेत्रों का पुनरुत्थान और समेकित विकास प्रदेश के विकास को गति प्रदान करेगा। जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रस्तुत किए गए सभी कार्यों के प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा हुई। उन्हाेंने जनप्रतिनिधियों की ओर से पीडब्लूडी को उपलब्ध कराए गए प्रस्तावों पर विधानसभावार चर्चा करते हुए जनप्रतिनिधियों की ओर से उपलब्ध कराए गए प्रस्तावों को प्राथमिकता के आधार पर नंबरिंग कर उपलब्ध कराने के लिए कहा। लोक निर्माण विभाग और धर्मार्थ कार्य विभाग को निर्देशित किया कि जनप्रतिनिधियों से वार्ता कर उनके द्वारा प्रस्तावित कार्यों की प्राथमिकता लेते हुए कार्यों को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण ढंग से क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन जरूर लें अधिकारी प्रस्तावित कार्यों में ब्लॉक मुख्यालयों तक कनेक्टिविटी, इण्टर-कनेक्टिविटी सड़कें, धार्मिक स्थलों तक पहुंच मार्ग, लॉजिस्टिक्स हब, बाईपास, आरओबी- अण्डरपास, फ्लाईओवर, मेजर एवं माइनर ब्रिज, रोड सेफ्टी उपाय, सिंचाई अवसंरचना और पाण्टून ब्रिज जैसे अनेक कार्य शामिल रहे। यह सभी कार्य भौगोलिक चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेंगे। साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देने में भी सहायक सिद्ध होंगे। मुख्यमंत्री ने नगर विकास विभाग को निर्देश दिए कि विभाग काे किसी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने से पूर्व स्थानीय जनप्रतिनिधियों का मार्गदर्शन जरूर प्राप्त कर लिया जाए और जो भी कार्य किए जाए उस क्षेत्र से संबंधित जनप्रतिनिधियों का नाम शिलापट्ट पर अवश्य उल्लिखित हो। उन्हाेंने कहा कि जनप्रतिनिधियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर जो प्रस्ताव उपलब्ध कराए जाएं, उन पर शीघ्रता से कार्यवाही सुनिश्चित की जाए जिससे कि 15 सितम्बर के बाद उस कार्ययोजना से संबंधित कार्यों का भूमिपूजन एवं शिलान्यास हो सके।
कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगासीएम योगी ने कहा कि जनप्रतिनिधियों के अनुभव और स्थानीय आवश्यकताओं की समझ शासन के लिए मार्गदर्शक होती है। योजनाओं का समयबद्ध ज़मीनी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो। इसके लिए जवाबदेही तय की जाएगी, तकनीक का समुचित उपयोग किया जाएगा और कार्यों की गुणवत्ता पर किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनप्रतिनिधिगण अपने-अपने क्षेत्र में प्रस्तावित कार्यों की सतत निगरानी करें और स्थानीय जनभावनाओं के अनुरूप योजनाओं को आकार दिलवाने में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से कहा कि आपके द्वारा उपलब्ध कराए गए विकास कार्यों से सम्बंधित इन प्रस्तावों के माध्यम से विकास परियोजनाओं के निर्माण में आपकी सहभागिता हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने पर्यटन सम्बंधित प्रस्तावों की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रयागराज में पर्यटन से जुड़े कई कार्य हुए है। प्रयागराज के साथ ही अन्य क्षेत्रों में मुख्यमंत्री पर्यटन सम्वर्धन योजना के अन्तर्गत जिस प्रकार पहले कार्य हुए थे, उसी तर्ज पर जनप्रतिनिधियों के द्वारा पर्यटन से सम्बंधित उपलब्ध कराए गए प्रस्तावों में ही उनकी प्राथमिकता लेकर पर्यटन के कार्यों को गुणवत्ता के साथ कराया जाए, जिससे पर्यटन केन्द्रों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी, राज्य मंत्री संजीव गोंड, महापौर गणेश केसरवानी, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. वीके सिंह व विध्यांचल मंडल के सांसदगण, विधायकगण, विधान परिषद सदस्यगण सहित अन्य जनप्रतिनिधि व वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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हिन्दुस्थान समाचार / विद्याकांत मिश्र