बीएडीसी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के लिए 30 दिन की छुट्टी देने का किया आग्रह
बीएडीसी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल करने वाले कर्मचारियों के लिए 30 दिन की छुट्टी देने का किया आग्रह


जम्मू, 29 जुलाई (हि.स.)। केंद्र शासित प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के कल्याण के लिए काम करने वाले पंजीकृत संगठन जम्मू और कश्मीर सीमा क्षेत्र विकास सम्मेलन (जेकेबीएडीसी) ने जम्मू-कश्मीर सरकार से एक स्पष्ट और अनुकंपा अवकाश नीति लागू करने की अपील की है जिससे सरकारी कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए हर साल 30 दिनों तक की अर्जित छुट्टी ले सकें।

जेकेबीएडीसी की यह अपील केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा हाल ही में राज्यसभा को दी गई जानकारी के बाद आई है कि केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारी वृद्धों की देखभाल सहित व्यक्तिगत आवश्यकताओं के लिए प्रतिवर्ष 30 दिनों के अर्जित अवकाश का उपयोग करने के हकदार हैं।

जेकेबीएडीसी के अध्यक्ष और पूर्व कुलपति डॉ. शहजाद अहमद मलिक ने कहा कि ऐसा प्रावधान जम्मू-कश्मीर के सुदूर सीमावर्ती और आदिवासी क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है जहाँ वृद्ध माता-पिता अक्सर दैनिक देखभाल और भावनात्मक सहारे के लिए पूरी तरह से अपने बच्चों पर निर्भर रहते हैं।

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को अपने वृद्ध माता-पिता की देखभाल के लिए अवकाश लेने की अनुमति है तो जम्मू-कश्मीर सरकार के कर्मचारियों को भी यही अवसर मिलना चाहिए। यह एक सरल लेकिन सार्थक कदम है जो कई कामकाजी परिवारों के जीवन को आसान बना सकता है। डॉ. शहजाद ने जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और मुख्य सचिव अटल डुल्लू से जम्मू-कश्मीर सामान्य प्रशासन विभाग को स्पष्ट कर्मचारी-अनुकूल निर्देश जारी करने का आग्रह किया ताकि बिना किसी अनावश्यक देरी या भ्रम के इस अवकाश का लाभ उठाया जा सके।

संगठन ने जन-केंद्रित सेवा नियमों का मसौदा तैयार करने में सरकार को कानूनी सहायता सहित अपना समर्थन और नीतिगत सलाह भी दी जो जम्मू-कश्मीर के सरकारी कर्मचारियों विशेष रूप से सीमावर्ती और पहाड़ी क्षेत्रों के दुर्गम क्षेत्रों में कार्यरत कर्मचारियों जो सीमित संसाधनों के साथ पेशेवर कर्तव्यों और पारिवारिक जिम्मेदारियों दोनों का निर्वहन करते हैं की वास्तविक आवश्यकताओं को पूरा करते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / अमरीक सिंह