औरैया में यमुना का लगातार बढ़ रहा जलस्तर, बाढ़ जैसे हालात देख प्रशासन सतर्क
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औरैया, 29 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान स्थित कोटा बैराज से छोड़े गए तीन लाख क्यूसेक पानी का असर अब उत्तर प्रदेश के औरैया जनपद में दिखाई देने लगा है। यहां यमुना व चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे जिले में बाढ़ जैसे हालात बनते जा रहे हैं। रविवार शाम से शुरू हुआ जलस्तर में इज़ाफा मंगलवार तक भी जारी है, जिससे नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणाें में बैचेनी का माहौल है।

यहां मंगलवार शाम तक यमुना का जलस्तर 112.5 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान के बेहद करीब है। गौहानी कलां मार्ग की पुलिया पर पानी एक मीटर ऊपर तक बहने लगा है। वहीं सिकरोड़ी गांव के पास श्मशान घाट तक पानी पहुंच गया है। नदी में बढ़ते जलस्तर के चलते गौहानी कलां, सिकरोड़ी, बड़ैरा, गूंज, ततारपुर, बबाइन, जाजपुर, असेवटा, असेवा, जुहीखा आदि गांवाें में बाढ़ का सीधा खतरा मंडरा रहा है।

सिकरोड़ी गांव और इटावा जिले के गढ़ा कासदा गांव को जोड़ने वाला संपर्क मार्ग जलमग्न हो गया है। जलस्तर की यही गति रही तो रात्रि तक सिकरोड़ी गांव के भीतर पानी घुसने की संभावना है, जिससे निचली सतह पर बसे घरों में रहने वाले लोग विशेष रूप से चिंतित नजर आए। महिलाएं पलायन की तैयारी करती दिखीं।

यमुना में बढ़ते जलस्तर काे देखते हुए उपजिलाधिकारी निखिल राजपूत, तहसीलदार अविनाश कुमार, और खंड विकास अधिकारी अतुल यादव लगातार प्रभावित गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों से संवाद कर उन्हें सतर्क रहने की सलाह दी। पशुओं के लिए चारा और लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए प्रशासन की ओर से अभियान चलाया जा रहा है।

ग्राम पंचायत अधिकारी अरमान खान ने बताया कि यमुना नदी का पानी कई गांवाें में घुसने की आशंका काे देखते हुए असेवटा, असेवा, जुहीखा, ततारपुर, बबाइन, नगरा महेवा, दरवतपुर सहित कई गांवों में सुबह से निगरानी की जा रही है। हालांकि स्थिति नियंत्रण में है, फिर भी ग्रामीणों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

ग्राम विकास अधिकारी रोशन लाल शाहू भी अपने क्षेत्रों में लगातार भ्रमण कर रहे हैं और ग्रामीणों को जागरूक कर रहे हैं। प्रशासन ने जनता से अपील की है कि अफवाहों से बचें और किसी भी आपात स्थिति में प्रशासन या राहत दल से तुरंत संपर्क करें। सभी विभागों को अलर्ट कर दिया गया है और राहत व बचाव कार्य पूरी तैयारी के साथ शुरू कर दिए गए हैं। यमुना का बढ़ता जलस्तर जिले के लिए खतरे का संकेत है। यदि अगले 24 घंटे में वर्षा या जलप्रवाह नहीं थमा, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

राहत चौकियों की पोल खुली

तहसील क्षेत्र में बनाई गई बाढ़ राहत चौकियों की व्यवस्थाएं कागजों तक सीमित पाई गईं। मंगलवार को जब पानी गांवों की ओर बढ़ा तो प्रशासन ने राहत चौकियों को दुरुस्त करना शुरू किया। सिकरोड़ी प्राथमिक विद्यालय को खाली कराया गया, हैंडपंप सुधारने के लिए मिस्त्री लगाए गए, लेकिन इससे प्रशासनिक लापरवाही और पूर्व तैयारी की कमी उजागर हो गई।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार