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सोनीपत, 29 जुलाई (हि.स.)। सोनीपत के प्रतिष्ठित तकनीकी विश्वविद्यालय
डीसीआरयूएसटी मुरथल में छात्रों के फंड में कथित ताैर पर लगभग 50 करोड़ रुपये के दुरुपयोग का गंभीर
मामला सामने आया है। एक छात्र द्वारा राज्यपाल को लिखे पत्र में विश्वविद्यालय प्रशासन
पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है, जिससे छात्रों को आर्थिक नुकसान पहुंचा
है, व्यवस्था पर सवाल भी खड़े हो गए हैं।
दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी
विश्वविद्यालय (डीसीआरयूएसटी), मुरथल में छात्रों के फंड से 50 करोड़ रुपये के दुरुपयोग
का आरोप छात्र ने राज्यपाल को भेजे पत्र में लगाते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव
और वित्त नियंत्रक पर मिलीभगत कर गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। आरोप है कि छात्रों
के फंड को एफडीआर के लिए विभिन्न बैंकों में स्थानांतरित किया गया, परंतु न तो समय
पर उनकी अवधि बढ़ाई गई और न ही निवेश समिति की बैठकें बुलाई गईं। विशेष रूप से आईसीआईसीआई
बैंक में जमा 20 करोड़ रुपये की एफडीआर को नवीनीकरण न कर केवल बचत खाता ब्याज दर पर
रखा गया, जिससे आर्थिक नुकसान हुआ।
छात्र ने दावा किया कि मार्च
2025 में केनरा बैंक की 30 करोड़ रुपये की एफडीआर मैच्योर होने के बाद उसे एसबीआई खाते
में स्थानांतरित किया गया, लेकिन वह राशि बाद में बिना लाभ के आईसीआईसीआई बैंक के एक
अस्थायी खाते में भेज दी गई, जिसे केवल ऑनलाइन शुल्क संग्रह के लिए खोला गया था।
छात्र का कहना है कि बार-बार प्रयास
के बावजूद जब एसबीआई अधिकारियों ने कुलसचिव और कुलपति से संपर्क करना चाहा, तो उन्हें
भीतर नहीं आने दिया गया। छात्र ने राज्य सरकार से मांग की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष
जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई हो। यदि छात्रों का फंड राज्य एजेंसियों द्वारा
ऑडिट किया जाता, तो इतनी बड़ी अनियमितता संभव नहीं होती।
यह मामला अब उच्च स्तर पर पहुंच
चुका है, जिसकी प्रतियां मुख्यमंत्री, वित्त सचिव और शिक्षा सचिव तक भेजी गई हैं। यदि
जांच होती है, तो यह हरियाणा के उच्च शिक्षण संस्थानों की वित्तीय पारदर्शिता के लिए
एक अहम उदाहरण बन सकता है
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हिन्दुस्थान समाचार / नरेंद्र शर्मा परवाना