यूपी में पिछड़े वर्ग के छात्रावासों के अनुरक्षण के लिए 4.99 करोड़ स्वीकृत
यूपी में पिछड़े वर्ग के छात्रावासों के अनुरक्षण के लिए 4.99 करोड़ स्वीकृत


--सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर नौ जिलों में संचालित 10 छात्रावासों के सुदृढ़ीकरण का निर्णय

लखनऊ, 29 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश सरकार ने पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण आवासीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए ठोस कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के क्रम में उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में स्थित 10 छात्रावासों के अनुरक्षण कार्य हेतु 499.33 लाख रुपये की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है। यह कार्य वित्तीय वर्ष 2025-26 की पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुरक्षण योजना के अंतर्गत संचालित किया जाएगा।

यह जानकारी पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग के राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने मंगलवार को दी। मंत्री नरेंद्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापरक सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसको देखते हुए छात्रावासों के अनुरक्षण कार्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ छात्र जीवन में आत्मविश्वास और गरिमा लाएगा। कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इन अवस्थापना सुविधाओं को बेहतर बनाकर छात्रों को एक सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक वातावरण उपलब्ध कराया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत भवनों की मरम्मत, रंगाई-पुताई, विद्युत व्यवस्था, पेयजल आपूर्ति, शौचालयों की दशा सुधार, नालियों की मरम्मत तथा अन्य बुनियादी सुविधाओं को बेहतर किया जाएगा।

जिन जिलों में यह कार्य कराया जाएगा, उनमें लखनऊ, प्रयागराज, बहराइच, गोंडा, महोबा, हमीरपुर, मुरादाबाद, मेरठ एवं संतरविदास नगर शामिल हैं। इन जिलों के प्रमुख शिक्षण संस्थानों में संचालित छात्रावासों में पढ़ने वाले पिछड़े वर्ग के छात्र-छात्राओं को इस निर्णय से सीधा लाभ मिलेगा।

मंत्री नरेंद्र कश्यप ने बताया कि शासन स्तर पर एक विशेष निगरानी समिति गठित की जाएगी जो कार्य की गुणवत्ता की नियमित निगरानी करेगी। काम पूरा होने के उपरांत भौतिक सत्यापन कराया जाएगा, ताकि कार्य की पारदर्शिता एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन सुनिश्चित हो सके। संबंधित जनपदों के जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी तथा संबंधित छात्रावासों के प्रबंधक या प्रधानाचार्य को निर्देशित किया गया है कि वे कार्यस्थल का समय-समय पर निरीक्षण करें और कार्य की प्रगति, गुणवत्ता तथा आवश्यकतानुरूप शासन को रिपोर्ट भेजें।

--इन संस्थानों में होगा अनुरक्षण कार्य

इलाहाबाद एग्रीकल्चर इंस्टीट्यूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी, प्रयागराज – 44.80 लाख रुपये

राजकीय पॉलिटेक्निक, हण्डिया, प्रयागराज – 50.78 लाख रुपये

वीरभूमि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, महोबा – 67.09 लाख रुपये

राजकीय इंटर कॉलेज, हमीरपुर – 61.33 लाख रुपये

लालबहादुर शास्त्री महाविद्यालय, गोंडा – 47.54 लाख रुपये

सर्वोदय इंटर कॉलेज, मिहीपुरवा, बहराइच – 38.60 लाख रुपये

राजकीय के.जी.के. होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, मुरादाबाद – 38.46 लाख रुपये

राजकीय महिला पॉलिटेक्निक, लखनऊ – 46.77 लाख रुपये

काशीनरेश राजकीय महाविद्यालय, ज्ञानपुर, संतरविदासनगर – 24.00 लाख रुपये

फैज-ए-आम इंटर कॉलेज, मेरठ – 79.96 लाख रुपये

कुल अनुमोदित लागत – 499.33 लाख रुपये

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हिन्दुस्थान समाचार / मोहित वर्मा