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मुंबई, 26 जुलाई (हि.स.)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मुंबई में कहा कि वस्त्र उद्योग में सौर ऊर्जा के उपयोग से संबंधित समस्याओं को हल करने के लिए वस्त्र उद्योग और ऊर्जा विभाग की एक समिति बनाई जाएगी। साथ ही सामाजिक न्याय, आदिवासी विकास और अन्य बहुजन कल्याण विभागों के अंतर्गत आने वाली नई सहकारी सूत मिलों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए समान मापदंड तय किए जाएगा। इन विभागों के अंतर्गत आने वाली सूतमिलों के लिए संबंधित विभागों द्वारा अतिरिक्त बजटीय प्रावधान किए जाएंगे।
मुख्यमंत्री फडणवीस की अध्यक्षता में शनिवार को मुंबई में वर्षा बंगले पर वस्त्र उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सहकारी सूत मिलों को प्रति चक्की 5,000 रुपये की दर से दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज अनुदान योजना की अवधि बढ़ाते समय इसमें आधुनिकीकरण और ग्रेडेशन को भी शामिल किया जाएगा। राज्य में राष्ट्रीय वस्त्र निगम के अंतर्गत बंद पड़ी मिलों को पुन: शुरू करने के संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी और उस आधार पर केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। इसके साथ ही एकात्मिक व सतत वस्त्र नीति 2023-28 में आवश्यक सुधार किए जाएंगे। सहकारी सूतमिलों और सहकारी यंत्रमाग संस्थाओं से सरकारी बकाया वसूली के लिए नीति बनाई जाएगी।
इस बैठक में वस्त्र उद्योग मंत्री संजय सावकारे, विधान परिषद सदस्य अमरीश पटेल, वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव ओ. पी. गुप्ता, मुख्यमंत्री कार्यालय की प्रधान सचिव अश्विनी भिडे, वस्त्र उद्योग विभाग की प्रधान सचिव अंशु सिन्हा, वस्त्र आयुक्त संजय दैणे आदि उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव