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कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.) ।
मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय में रिक्त पदों को भरने के लिए निर्वाचन आयोग के दबाव के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने आखिरकार कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के नाम भेज दिए हैं। यह कदम 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले आयोग की ओर से राज्य प्रशासन पर डाले गए दबाव के बाद उठाया गया है।
इस सप्ताह की शुरुआत में निर्वाचन आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर सीईओ कार्यालय को स्वतंत्र और प्रशासनिक रूप से सशक्त बनाने के निर्देश दिए थे। आयोग ने पत्र में सीईओ कार्यालय में अतिरिक्त, संयुक्त और उप मुख्य निर्वाचन अधिकारियों के चार रिक्त पदों को तत्काल भरने की भी सिफारिश की थी।
राज्य सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक पद के लिए तीन-तीन अधिकारियों के नाम आयोग को भेजे गए हैं। अब आयोग इन नामों में से उपयुक्त अधिकारियों का चयन करेगा। हालांकि सूत्रों का यह भी कहना है कि अगर आयोग को भेजे गए नाम उपयुक्त नहीं लगे तो वह राज्य सरकार से नए नामों की सिफारिश भी मांग सकता है।
इसी बीच, सीईओ कार्यालय के सूत्रों ने जानकारी दी है कि वर्तमान कार्यालय को कोलकाता के बामर लॉरी भवन से स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। बताया गया है कि स्थान की कमी और पार्किंग की समस्या के कारण यह कदम उठाया जा सकता है। संभावना है कि नया कार्यालय किसी ऐसे भवन में शिफ्ट किया जाए जहां केंद्र सरकार के अन्य कार्यालय भी स्थित हों।
उधर, राज्य सरकार ने निर्वाचन आयोग द्वारा भेजे गए पत्र पर आपत्ति जताई है, जिसमें सीईओ कार्यालय को अधिक स्वतंत्र और सक्षम बनाने की बात कही गई थी। सूत्रों के अनुसार, राज्य सरकार कानूनी सलाह ले रही है कि क्या आयोग के इस निर्देश को अदालत में चुनौती दी जा सकती है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर