वाराणसी : केन्द्रीय कारागार में 52 कैदी हेपेटाइटिस बी पॉजिटिव मिले, इलाज जारी
वार्ता में शामिल चिकित्सक


—बीएचयू के गैस्ट्रोइन्टरोलाजी विभाग में मनेगा विश्व हेपेटाइटिस दिवस,मरीजों की होगी स्क्रीनिंग जांच

वाराणसी,26 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) चिकित्सा विज्ञान संस्थान के गैस्ट्रोइन्टरोलाजी विभाग में 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस दिवस मनाया जायेगा। इस अवसर पर मरीजों का विभाग के ओ0पी0डी0 कक्ष संख्या जी 20 में हेपेटाइटिस बी.व सी.का स्क्रीनिंग जांच नि:शुल्क किया जायेगा। इस अवसर पर धनात्मक पाये गये मरीजों का वायरल लोड जांचने के साथ दवाएं भी निशुल्क दी जायेगी।

शनिवार को ​शताब्दी सुपर स्पेशियलिटी भवन, गैस्ट्रोइन्टरोलाजी विभाग के समिति कक्ष में आयोजित पत्रकार वार्ता में यह जानकारी दी गई। वार्ता में शामिल विभागाध्यक्ष एवं प्रोग्राम के नोडल अधिकारी डाँ. देवेश प्रकाश यादव, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की प्रो0 शम्पा अनुपूर्वा, एवं विभाग के डा. एस.के. शुक्ला (सह आचार्य) ने संयुक्त रूप से बताया कि वाराणसी के केन्द्रीय कारावास में जांच के दौरान 52 कैदी धनात्मक पाए गये। जिसमें 43 कैदी हेपेटाइटिस बी एवं 9 कैदी हेपेटाइटिस सी के है। जिसका वायरल लोड की नि:शुल्क जाँच करा कर नि:शुल्क दवा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग के अन्तर्गत संचालित वायरल हेपेटाइटिस कंट्रोल प्रोग्राम 14 सितम्बर 2020 से संचालित है। इसके अंतर्गत मरीजों का नि:शुल्क जांच एवं वायरल लोड टेस्ट एवं निशुल्क दवा का वितरण किया जा रहा है। अब तक लगभग 10190 मरीजों को पंजीकृत किया गया है। भारत सरकार द्वारा संचालित इस प्रोग्राम का मुख्य उद्देश्य 2030 तक हेपेटाइटिस मुक्त भारत बनाना है। चिकित्सकों के अनुसार प्रोग्राम के अन्तर्गत हेपेटाइटिस बी के पॉजिटिव 7734 मरीज पंजीकृत है । जबकि हेपेटाइटिस सी के पॉजिटिव 2456 मरीज पंजीकृत है। चिकित्सकों के प्रयास से अब तक हेपेटाइटिस बी0 के 57 मरीज एवं हेपेटाइटिस सी के 1375 मरीज निगेटिव हो चुके हैं

—क्या है हेपेटाइटिस के लक्षण

गहरी थकान,भूख न लगना,पेट दर्द, उल्टी, दस्त,जोड़ो में दर्द, पीलिया इसके लक्षणों में शामिल है। बचाव के लिए साफ सुथरी नीडिल का प्रयोग, सुरक्षित यौन सम्बन्ध,दाढ़ी स्वयं बनाये,सुरक्षित टैटू/ नाक, कान छेदवाना,जन्मजात शिशु का हेपेटाइटिस बी का टीकाकरण कराना,अपना स्टेटस जानते रहना है। लक्षण मिलने पर हेपेटाइटिस बी एव सी का स्क्रीनिग कराते रहना आवश्यक है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / श्रीधर त्रिपाठी