राजस्थान हाईकोर्ट : विभाग की लापरवाही से वंचित रही महिला को मिला न्याय
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जोधपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। राजस्थान हाईकोर्ट ने एक अहम फैसले में कार्यालय की लापरवाही से पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ न मिलने से पीडि़त एक विधवा कर्मचारी को न्याय दिलाते हुए विभाग को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि याचिकाकर्ता को चार सप्ताह की अवधि में ओल्ड पेंशन स्कीम के तहत पारिवारिक पेंशन के सभी लाभ प्रदान किए जाएं।

न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की एकलपीठ ने यह आदेश किस्तूरी देवी बनाम सेकेट्री (पेंशन) राजस्थान राज्य विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड व अन्य प्रकरण में पारित किया। याचिकाकर्ता विधवा किस्तूरी देवी चूरू जिले की निवासी हैं। राजस्थान सरकार द्वारा 20 अप्रैल 2023 को जारी आदेश व निगम द्वारा जारी आदेश 12 मई 2023 के तहत मृतक कर्मचारियों के आश्रितों को भी पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) का लाभ लेने का अवसर दिया गया। इस आदेश के तहत याचिकाकर्ता ने 30 जून 2023 को निर्धारित प्रारूप में विकल्प फॉर्म व सभी दस्तावेज विभाग को प्रस्तुत किए। विभाग द्वारा याचिकाकर्ता के पते की अनदेखी करते हुए डिमांड नोटिस गलत पते पर भेज दिया गया, जबकि याचिकाकर्ता चूरू जिले की निवासी हैं। इस त्रुटिपूर्ण पत्राचार के कारण याचिकाकर्ता को समय सीमा में डिमांड नोटिस की जानकारी नहीं मिल सकी। जब उन्हें व्यक्तिगत प्रयासों से इस त्रुटि का पता चला, तो उन्होंने तुरंत विभाग को सूचित किया और पुनत्न अवसर की मांग की, लेकिन विभाग ने इसे अस्वीकार कर दिया। उच्च न्यायालय के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर अधिवक्ता मोहम्मद अमान द्वारा पक्ष रखा गया कि याचिकाकर्ता ने नियमानुसार समय पर सभी दस्तावेज और विकल्प फॉर्म प्रस्तुत कर दिए थे।

विभाग की ओर से गलत पते पर नोटिस भेजा गया जो याचिकाकर्ता को कभी प्राप्त ही नहीं हुआ। ऐसे में विभागीय गलती के कारण याचिकाकर्ता को उसके विधिक अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। विभाग के अधिवक्ता हरीश बेड़ा द्वारा यह पक्ष रखा कि समस्त आवेदकों की सूची विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध थी तथा डिमांड राशि जमा करवाने की विंडो भी विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन उपलब्ध थी। इस प्रकार याचिकाकर्ता द्वारा समय पर डिमांड राशि जमा नहीं करवाई जाने में याचिकाकर्ता की स्वयं की लापरवाही थी जिस कारण विभाग द्वारा याचिकाकर्ता को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ नहीं दिया।

हाईकोर्ट द्वारा दोनों पक्षों की विस्तृत बहस व रिकॉर्ड का अवलोकन कर याचिकाकर्ता के हक में निर्णय पारित करते हुए कहा गया कि याचिकाकर्ता की ओर से सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूर्ण कर दी गई हैं, और विभाग की ओर से हुई चूक के लिए याचिकाकर्ता को दोषी नहीं ठहराया जा सकता और विभाग को आदेशित किया कि याचिकाकर्ता को चार सप्ताह के भीतर फैमिली पेंशन अंतर्गत ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) का लाभ प्रदान किया जाए।

हिन्दुस्थान समाचार / सतीश