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कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.)। कलकत्ता विश्वविद्यालय में 28 अगस्त को दोपहर दो बजे से स्नातकोत्तर परीक्षा घोषित की गई है, लेकिन इसी दिन तृणमूल छात्र परिषद का स्थापना दिवस भी है। इस वजह से परीक्षा की तारीख को लेकर टीएमसीपी ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर तीखा हमला बोला है। संगठन का आरोप है कि यह दिल्ली के इशारे पर किया गया एक राजनीतिक षड्यंत्र है।
टीएमसीपी के प्रदेश अध्यक्ष ने परीक्षा को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन की निंदा करते हुए इसे बेनज़ीर राजनीतिक चाल करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकारों को बाधित करने की कोशिश की जा रही है।
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए कलकत्ता विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति डॉ. शांता दत्ता दे ने कहा,परीक्षा देना छात्रों का कर्तव्य है, और यह किसी के लोकतांत्रिक अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं है। यदि हमें किसी विशेष संगठन के कार्यक्रम को देखकर परीक्षा की तारीख तय करनी पड़ी, तो फिर हर राजनीतिक दल के अनुसार परीक्षा आयोजित करनी होगी। यह तो खुद ही अलोकतांत्रिक हो जाएगा।
कुलपति के इस बयान से साफ है कि विश्वविद्यालय परीक्षा कार्यक्रम को लेकर पीछे हटने के मूड में नहीं है, जबकि टीएमसीपी इसे राजनीतिक साजिश बताकर विरोध तेज कर रहा है। आगामी दिनों में यह टकराव और भी बढ़ सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय