Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
जोधपुर, 26 जुलाई (हि.स.)। जैसलमेर की पोकरण फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने स्वदेशी 155 मिमी आर्टिलरी गोला-बारूद का सफल परीक्षण किया। सेना की कोणार्क कॉर्प्स के जवानों ने साबित किया कि देश आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ रहा है। पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने एक बार फिर ताकत का शानदार प्रदर्शन किया। यह फायरिंग न सिर्फ टेक्नोलॉजी का टेस्ट थी बल्कि यह संदेश भी था कि सेना हर मोर्चे पर तैयार है। भारतीय सेना ने अभ्यास का नाम दिया- जोरदार, घातक व बेजोड़ और हर फायर में यही कहा- हम तैयार हैं।
सैन्य सूत्रों के अनुसार पोकरण की रेत पर लाउड, लेथल (घातक) और अनमैच्ड (बेजोड़) भारतीय ताकत का नजारा देखने को मिला। कोणार्क ने साबित कर दिया कि भारतीय सेना सिर्फ रक्षा नहीं करती बल्कि रणनीतिक बढ़त भी हासिल करती है। यह परीक्षण रणनीतिक रूप से बेहद अहम था। इससे न सिर्फ सेना की मारक क्षमता बढ़ी है बल्कि स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भी नई ऊर्जा मिली है। मेक इन इंडिया का यह मॉडल अब युद्ध क्षेत्र में भी प्रभावशाली रूप ले रहा है। हर एक फायर ने यही कहा, हम तैयार हैं।
इस साल नाग मिसाइल का हुआ था सफल परीक्षण : भारत ने पोकरण में ही अपनी तीसरी पीढ़ी की स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग का सफल टेस्ट किया था। यह टेस्ट जनवरी महीने में किया गया था। इसके दौरान मिसाइल ने तीन अलग-अलग लक्ष्यों को पूरी सटीकता के साथ ध्वस्त किया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नाग मिसाइल अब भारतीय सेना में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार है। यह मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर हमला करती है और चार किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन को मात्र 17-18 सेकेंड में नेस्तनाबूद कर सकती है।
-----------
हिन्दुस्थान समाचार / सतीश