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कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.) ।
पिछले कुछ महीनों में चार छात्रों की असामान्य मौत की घटनाओं का सामना कर चुके आईआईटी खड़गपुर ने अब छात्र कल्याण और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर एक व्यापक पहल की शुरुआत की है। संस्थान ने ‘सेतु’ नाम से एक नया प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है, जिसका उद्देश्य छात्रों के लिए एक समावेशी, तकनीक-सक्षम और छात्र-केन्द्रित सहयोग तंत्र तैयार करना है। यह जानकारी संस्थान के प्रवक्ता प्रतीक दामा ने विशेष तौर पर हिन्दुस्थान समाचार को दी है।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर सुमन चक्रवर्ती ने इस पहल की औपचारिक शुरुआत की। ‘सेतु’ का पूरा नाम है — सपोर्ट एंपैथी ट्रांसपोर्टेशन एंड अपलिफ्टमेंट। इसका उद्देश्य सिर्फ एक हेल्पलाइन या परामर्श सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक समग्र तंत्र है, जिसमें तकनीक और संवेदनशीलता दोनों का समावेश है।
संस्थान के प्रवक्ता के अनुसार, ‘सेतु’ शब्द संस्कृत में पुल का प्रतीक है, और इसका उपयोग प्रतीकात्मक रूप से किया गया है — अलगाव से जुड़ाव की ओर, मानसिक संकट से मानसिक सुदृढ़ता की ओर, परंपरा से तकनीक की ओर।
इस साल जनवरी से जुलाई के बीच चार छात्रों — शौन मलिक (12 जनवरी), अनिकेत वॉकर (20 अप्रैल), मोहम्मद आसिफ क़मर (चार मई), और रितम मंडल (18 जुलाई) — की आत्महत्याओं की घटनाओ के मद्देनजर यह पहल लाई गई है। इन घटनाओं ने पूरे देश में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और अकादमिक दबाव को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी की थीं।
‘सेतु’ के तहत कई सेवाएं शुरू की गई हैं जिनमें व्यक्तिगत थेरेपी, मनोरोग चिकित्सा, समूह चर्चा सत्र, चौबीसों घंटे ऑनलाइन परामर्श सेवा (योर दोस्त के माध्यम से) और पूरे कैंपस में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता शामिल हैं। इसमें शामिल होने वाले छात्रों का नाम भी गोपनीय रखा जा रहा है।
एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि हॉस्टलों और अकादमिक ब्लॉकों में एक एआई-संचालित इमोशनल हेल्थ मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किया जा रहा है, जो छात्रों की मानसिक स्थिति को गुप्त रूप से ट्रैक कर शुरुआती संकेतों पर तुरंत प्रतिक्रिया देने में सक्षम होगा।
इसके साथ ही, छात्र-छात्राओं के नेतृत्व में वेलफेयर कमेटियों और हॉस्टल स्तर की इकाइयों के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य को एक साझा जिम्मेदारी और संस्कृति के रूप में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर