पंचनद धाम की वादियों में छाई बादलों की मोहक छटा, पर्यटकों को हुआ हिमालय जैसा अनुभव
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पंचनद को पर्यटन और तीर्थ स्थल बनाने की दिशा में तेज़ी से बढ़ रहे प्रयास

औरैया, 26 जुलाई (हि. स.)। जनपद औरैया स्थित पंचनद धाम तीर्थ क्षेत्र शनिवार को एक मनोहारी दृश्य का साक्षी बना, जब यहां आकाश में छाए बादलों की अद्भुत और आकर्षक छटाओं ने वहां मौजूद लोगों का मन मोह लिया। बादलों की रंग-बिरंगी, घुमावदार और कलात्मक आकृतियों को देख पर्यटकों और श्रद्धालुओं ने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है मानो वे हिमालय या किसी विदेशी पर्यटन स्थल पर आ गए हों।

पंचनद धाम वह दुर्लभ स्थल है, जहां यमुना, चंबल, सिंध, पहूज और कुंवारी—पांच पवित्र नदियों का महासंगम होता है। धार्मिक और पर्यटक दृष्टिकोण से यह स्थान विशेष महत्व रखता है। इसी कारण से यहां का वातावरण प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ आध्यात्मिक ऊर्जा से भी ओत-प्रोत रहता है।

इस क्षेत्र को राष्ट्रीय स्तर पर पर्यटन व तीर्थ स्थल घोषित कराने के लिए सामाजिक कार्यकर्ता वीरेंद्र सिंह सेंगर द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उनके नेतृत्व में पंचनद क्षेत्र में समय-समय पर पंचनद दीप पर्व, चंबल क्रिकेट लीग, कबड्डी लीग, मैराथन, फिल्म फेस्टिवल और तिरंगा यात्रा जैसे आयोजन कराए जाते हैं, जो इस क्षेत्र को सांस्कृतिक पहचान भी दे रहे हैं।

पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यमुना तट पर रजतमयी बालू में कैंपिंग व्यवस्था की गई है, जहां पर्यटक हॉर्स राइडिंग, ऊंट की सवारी, फोर व्हीलर व बाइक ड्राइविंग, रात्रि कैंपिंग, बर्ड वॉचिंग और मगरमच्छ व डॉल्फिन जैसी जलीय प्रजातियों का भी आनंद ले सकते हैं।

श्रद्धालु पंचनद धाम स्थित प्राचीन मंदिरों में दर्शन कर आध्यात्मिक शांति प्राप्त करते हैं। पर्यटकों के लिए मुफ्त चाय, नाश्ता और भोजन की व्यवस्था की जाती है। श्री सेंगर स्वयं वालंटियरों के माध्यम से व्यवस्था संभालते हैं और सुरक्षा के लिए औरैया, जालौन , इटावा , कानपुर देहात व भिंड के प्रशासन से तालमेल रखते हैं। नाव विहार (नाैकायन) की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाती है।

बादलों की यह अलौकिक छटा और प्राकृतिक सौंदर्य पंचनद को भविष्य के एक प्रमुख धार्मिक-पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक और कदम साबित हो रहा है।

हिंदुस्थान समाचार / सुनील कुमार

हिन्दुस्थान समाचार / सुनील कुमार