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सिरसा, 26 जुलाई (हि.स.)। जिला सिरसा के गांव नथोर में नाबार्ड द्वारा जल संरक्षण के लिए एक अनूठी परियोजना की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य आने वाली पीढिय़ों के लिए भूजल स्तर का संरक्षण और पुनर्भरण सुनिश्चित करना है। एक्सपर्ट संस्था द्वारा क्रियान्वित इस परियोजना में अटल भूजल के सहयोग से गांव के प्राचीन धरोहर कुंए को सहेजकर जल संचयन मॉडल के रूप में विकसित किया गया है।
भूजल संरक्षण की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का शनिवार को उद्घाटन करते हुए नाबार्ड हरियाणा से मुख्य महाप्रबंधक निवेदिता तिवारी ने बताया कि भूजल की हर बूंद अमूल्य है और इसका संरक्षण ही स्थायी विकास की कुंजी है। हमें पारंपरिक जल स्रोतों का पुनर्जीवन, वर्षा जल संग्रहण, रिचार्ज वेल, और सिंचाई में जल-संवेदनशील तकनीकों का प्रयोग जैसे उपायों को अपनाना होगा ताकि हम भविष्य की पीढय़िों के लिए पानी का संरक्षण सुनिश्चित कर सकें।
नाबार्ड से सहायक महाप्रबंधक स्वरदीप सिंह ने भूजल स्तर में गिरावट को चिंताजनक बताते हुए कहा कि नाबार्ड ने भूजल स्तर में सुधार करने का बीड़ा उठाते हुए जल संकट से निपटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है,जिसमें नथोर गांव को प्रदेश के पहले मॉडल विलेज के रूप में विकसित किया गया है। इस पायलट परियोजना के तहत गांव में प्राचीन धरोहर कुंए में जल संरक्षित करने के साथ छतों से वर्षा जल संग्रह व किसानों को जल बचत तकनीक से जोड़ते हुए धान की कम अवधि वाली फसल उगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि भूजल हमारे जीवन की अदृश्य शक्ति है, जिसका संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता बन चुका है।
एक्सपर्ट निदेशक विनीत छाबड़ा ने कहा कि यह योजना सिर्फ एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि जन-आंदोलन है। जल ही जीवन है, इसे बचाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। भूजल संरक्षण केवल सरकार की नहीं, बल्कि हर नागरिक की नैतिक जिम्मेदारी है। ग्रामीणों की भागीदारी इस योजना की आत्मा है और इससे न केवल पानी बचेगा, बल्कि गांव के भविष्य को भी सुरक्षित किया जा सकेगा।
हिन्दुस्थान समाचार / Dinesh Chand Sharma