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प्रयागराज, 26 जुलाई (हि.स.)। मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों के लिए मानसिक स्थिरता और आत्म-प्रबंधन की समझ न केवल उनके व्यक्तिगत विकास के लिए, बल्कि चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। यह बात शनिवार उप्र के प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के प्रीतम दास ऑडिटोरियम में फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग द्वारा मानसिक स्वास्थ्य , आत्म—प्रबंधन एवं ध्यान पर आधारित एक दिवसीय संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मेडिकल कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ.एस.पी. सिंह ने कही।
उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन चिकित्सीय शिक्षा को एक समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हैं। आयोजन की अगुवाई करते हुए आयोजक सचिव एवं विभागाध्यक्ष फोरेंसिक मेडिसिन एवं टॉक्सिकोलॉजी विभाग, प्रो. (डॉ.) अर्चना कौल ने कहा कि तेजी से भागती जीवनशैली के इस युग में मानसिक संतुलन और आत्मचिंतन अत्यंत आवश्यक हो गया है। यह कार्यक्रम केवल एक शैक्षणिक आयोजन नहीं था, बल्कि एक आत्म-खोज की यात्रा थी। हमारा प्रयास है कि मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े युवा मानसिक रूप से सशक्त और भावनात्मक रूप से संतुलित बनें, जिससे वे समाज की सेवा और स्वयं के कल्याण दोनों में संतुलन बनाए रख सकें। मंच संचालन सह-संयोजिका सुश्री सरिता सिंह ने किया।
मुख्य वक्ता एच.जी. अच्युत मोहन दास (अध्यक्ष,आईएसकेसीओएन प्रयागराज एवं वाराणसी) ने ''मन की शांति या मन का टुकड़ा” विषय पर सारगर्भित विचार प्रस्तुत किए। इसके पश्चात एच. जी. धवल कृष्ण प्रभुजी (सहायक प्रोफेसर, आई.आई.टी. बी.एच.यू.) ने “सफलता के लिए स्व-प्रबंधन” पर जीवन में अनुशासन, आत्म-निरीक्षण और कार्य-प्रेरणा को लेकर महत्वपूर्ण सूत्र साझा किए। डॉ. अभिषेक प्रताप सिंह (एसोसिएट प्रोफेसर, मानसिक रोग विभाग, एम.एल.एन. मेडिकल कॉलेज) ने “चुप्पी तोड़ना और मदद मांगना” विषय पर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सामाजिक चुप्पी को तोड़ने और समय पर सहायता लेने की आवश्यकता पर जोर दिया। इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ कॉलेज के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) वी. के. पांडेय ने दीप प्रज्वलन करके किया। कार्यक्रम का विशेष आकर्षण रहा — मंत्र ध्यान कार्यशाला, जिसे एच. जी. सत्यसंकर्षण प्रभुजी (उपाध्यक्ष,आईएसकेसीओएन प्रयागराज) ने संचालित किया। इस सत्र में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक ध्यान और मंत्र साधना का अनुभव प्राप्त किया।
इस अवसर पर कॉलेज के विभिन्न विभागों के प्रतिष्ठित शिक्षक एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम हैं — पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. वत्सला मिश्रा, डॉ. कचनार वर्मा, डॉ. राकेश चंद्र चौरसिया, डॉ. रीना सचान, डॉ. कविता चावला, डॉ. बिनु, डॉ. सूबिया, डॉ. दिनेश, डॉ. डी. के. निम, डॉ. बादल, डॉ. राजेश राय, डॉ. मोहित जैन, डॉ. आर. बी. कमल, डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. नीलम सिंह (प्रमुख अधीक्षक, एसआरएन), डॉ. संतोष कुमार सहित अन्य चिकित्सा शिक्षक एवं अधिकारीगण। सैकड़ों की संख्या में रेजिडेंट डॉक्टर, इंटर्न एवं छात्र-छात्राओं ने पूरे कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी की।
अंत में, आयोजन सचिव प्रो. (डॉ.) अर्चना कौल ने सभी अतिथियों, वक्ताओं, प्रतिभागियों और सहयोगी टीम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस आयोजन को सफल बनाने में कॉलेज प्रशासन, तकनीकी स्टाफ, छात्र एवं स्वयंसेवकों का अतुलनीय सहयोग रहा।
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हिन्दुस्थान समाचार / रामबहादुर पाल