हिसार : हकृवि वैज्ञानिकों ने अनुसंधान से की स्ट्रॉबेरी की क्राउन रॉट बीमारी की पहचान: डॉ. अशोक गोदारा
हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा।


हौटा ने बीमारी की पहचान में जुटे वैज्ञानिकों को बधाई देकर बढ़ाया हौंसला

कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के नेतृत्व में लगातार किसान हित में काम कर रहा

विश्वविद्यालय

हिसार, 26 जुलाई (हि.स.)। हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय शिक्षक संघ (हौटा) ने

विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा स्ट्रॉबेरी की क्राउन रॉट बीमारी की पहचान किए

जाने का स्वागत करते हुए इसे वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत व अनुसंधान का परिणाम बताया

है। हौटा ने कहा कि कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक

किसानों के हित में लगातार प्रयासरत है, जिसके तहत वे जहां विभिन्न फसलों की नई नई

किस्में विकसित कर रहे हैं वहीं फसलों में आने वाली बीमारियों का पता लगाकर उनके रोकथाम

का प्रयास कर रहे हैं ताकि किसान वर्ग को फायदा हो।

हौटा अध्यक्ष डॉ. अशोक गोदारा एवं अन्य पदाधिकारियों ने शनिवार काे कहा कि हाल ही में

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने स्ट्रॉबेरी की क्राउन रॉट बीमारी की

पहचान की है और वैज्ञानिकों की इस मेहनत को उस समय और तवज्जो मिली जब अंतरराष्ट्रीय

स्तर के एल्सेवियर प्रकाशन ने बीमारी को मान्यता दी। उन्होंने कहा कि एक रिपोर्ट के

अनुसार इस रोग के कारक की वजह से स्ट्रॉबेरी में पिछले वर्ष लगभग 20-22 प्रतिशत तक

का नुकसान हुआ था। फसलों में यदि कोई बीमारी लग जाती है तो उससे किसान वर्ग को नुकसान

होता है। ऐसे में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक लगातार प्रयासरत रहते हैं कि फसलों की

नई किस्में विकसित किए जाने के साथ-साथ यदि किसी फसल में बीमारी आ गई तो उसकी पहचान

करके रोकथाम के उपाय भी किए जाएं। हौटा पदाधिकारियों ने कहा कि बागवानी विभाग के सेवानिवृत

प्रो. डॉ. अनिल गोदारा जिले के स्याहड़वा व अन्य गांवों में स्ट्राबेरी के जनक हैं

और उन्हीं के प्रयासों से जिले में यह फसल शुरू हुई थी। स्ट्राबेरी फसल फलने-फूलने

में डॉ. अनिल गोदारा व उनकी टीम का बहुत बड़ा योगदान है, इसलिए वे भी बधाई के पात्र

हैं।

डॉ. अशोक गोदारा एवं हौटा के अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि स्ट्रॉबेरी में क्राउन

रॉट बीमारी की पहचान करने में विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों अनिल कुमार सैनी, सुशील

शर्मा, राकेश गहलोत, अनिल कुमार, राकेश कुमार, केसी राजेश कुमार, विकास कुमार शर्मा,

रोमी रावल, आरपीएस दलाल व पीएचडी छात्र शुभम सैनी का अहम योगदान रहा है। इसके लिए ये

वैज्ञानिक व शोधार्थी बधाई के पात्र है क्योंकि उत्कृष्ट कार्य करके किसान वर्ग को

बड़ी राहत देने का काम किया है। उन्होंने कहा कि क्राउन रॉट रोग के मुख्य शोधकर्ता

डॉ. आदेश कुमार ने स्पष्ट किया है कि शोधकर्ता इस बीमारी के प्रकोप को समझने और इसके

प्रभाव को कम करने के लिए लक्षित उपाय विकसित करने में जुटे हुए हैं, जिससे स्ट्रॉबेरी

उत्पादन की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज,

अनुसंधान निदेशक डॉ. राजबीर गर्ग एवं अन्य अधिकारियों के मार्गदर्शन में विश्वविद्याालय

के वैज्ञानिक लगातार अनुसंधान करके विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर रहे हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर