Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
-जानलेवा हो सकता है वायरल हेपेटाइटिस: प्रो.आर.के.धीमान
लखनऊ, 26 जुलाई (हि.स.)। संजय गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) लखनऊ का हेपेटोलॉजी विभाग उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा विभाग है, जो उन्नत यकृत रोगों से पीड़ित रोगियों को नि:शुल्क सेवाएँ प्रदान कर रहा है। विभाग राष्ट्रीय वायरल हेपेटाइटिस नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत वायरल हेपेटाइटिस के निदान और उपचार के लिए एक निःशुल्क उपचार केंद्र चला रहा है। इसके तहत मरीजों को मुफ्त जांच और दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।
हेपेटोलॉजी विभाग ने स्नातकोत्तर चिकित्सा छात्रों और चिकित्सकों के लिए वायरल हेपेटाइटिस पर शनिवार को दो दिवसीय मास्टर क्लास का आयोजन किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में वायरल हेपेटाइटिस के विभिन्न प्रकारों पर व्याख्यान और चर्चाओं की व्यापक श्रृंखला शामिल थी, जिसमें हेपेटाइटिस बी और सी पर विशेष ध्यान दिया गया था।
संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर आर. के. धीमान ने बताया कि वायरल हेपेटाइटिस जानलेवा हो सकता है और सालाना लाखों लोगों की जान ले रहा है। वायरल हेपेटाइटिस को 2030 तक ही समाप्त किया जा सकता है, यदि हम अपने युवा डॉक्टरों और चिकित्सकों को वायरल हेपेटाइटिस के महत्व के बारे में प्रशिक्षित कर सकें। उन्होंने वायरल हेपेटाइटिस की शीघ्र जांच और उपचार की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रोफेसर और हेपेटोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अमित गोयल ने वायरल हेपेटाइटिस के निदान और प्रबंधन पर व्याख्यान दिए और पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन किया। संस्थान के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र गुप्ता ने ज़ोर देकर कहा कि वायरल हेपेटाइटिस एक जन स्वास्थ्य समस्या है।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और मेदांता अस्पताल के कई प्रसिद्ध गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट ने इस गतिविधि में संकाय के रूप में भाग लिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में लखनऊ और आसपास के कई जिलों के 150 से अधिक मेडिकल छात्रों और चिकित्सकों ने भाग लिया। छात्रों को वायरल हेपेटाइटिस पर अपने शोध कार्य दिखाने का अवसर भी दिया गया और इसके लिए उन्हें पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हिन्दुस्थान समाचार / बृजनंदन