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मुरैना/जौरा, 26 जुलाई (हि.स.)। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में लगातार हो रही वर्षा का प्रभाव पगारा बांध में बना हुआ है। बीते 29 घंटों से बांध के ऑटोमेटिक 6 गेट खुले होने के बावजूद भी मात्र 70 सेन्टीमीटर जल स्तर कम हो पाया है। अभी निर्धारित जल स्तर 654 फीट पर आने के लिये 1 फीट 30 सेन्टीमीटर कम होने पर सभी 6 गेट खुले होने की संभावना जताई जा रही है। लगातार पानी के डिस्चार्ज होने से डाउन स्ट्रीम के सभी गांव में मुनादी करा दी गई है। आज और कल वर्षा न होने पर ही तेज गति से पानी कम हो सकेगा।
जौरा के ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर हो रही वर्षा के कारण निकटवर्ती पगारा बांध का जलस्तर एक बार फिर 654 फीट से बढक़र 656 पर पहुंच गया।
बांध में जलस्तर 24 जुलाई की रात से बढऩा शुरू हुआ, 25 जुलाई की सुबह जल स्तर 656 फीट पर पहुंच गया। जैसे-जैसे बांध में जलस्तर बढ़ता गया, वैसे-वैसे ऑटोमेटिक गेट खुलना शुरू हो गए और उनमें से पानी तेज रफ्तार से निकलने लगा। सभी 6 ऑटोमेटिक गेट से लगातार पानी के डिस्चार्ज के बावजूद भी जल स्तर कम नहीं हो रहा था। जंगल व ग्रामीण क्षेत्र में बारिश का पानी लगातार बांध में आ रहा है।
विगत दिवस 25 जुलाई की सुबह 7 बजे से लेकर शनिवार दोपहर 12 बजे तक 29 घंटे के दौरान जल स्तर मात्र 70 सेन्टीमीटर कम होकर 655.30 फीट पर पहुंच गया था। जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम प्रदीप सिंह तोमर जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री राहुल यादव, उपयंत्री एमके शाक्य सहित कर्मचारीगण बांध के जल स्तर पर लगातार निगरानी कर रहे हैं। जल संसाधन विभाग द्वारा डाउनस्ट्रीम वाले गांव के निवासियों को अलर्ट कर दिया है।
बांध के ऑटोमेटिक गेट 7 दिन पूर्व भी तेज बारिश के चलते खुल गए थे, तभी मौके पर कलेक्टर अंकित अस्थाना ने पहुंचकर अधिकारी कर्मचारियों को बारिश के मौसम में बढ़ते जल स्तर की निगरानी करने एवं यहां आने वाले पर्यटकों को बांध में नहीं नहाए इसके भी निर्देश दिए थे।
लगातार बारिश से प्राचीन महादेव मंदिर भवन गिरा
जौरा क्षेत्र में 2 दिन से लगातार हो रही बारिश के चलते तहसील के कुंवरपुर मौजा के अंतर्गत बालमनी गांव में स्थित प्राचीन वर्षों पुराना महादेव मंदिर का भवन गिर गया।
मंदिर के महंत गोस्वामी ने बताया कि यह मंदिर औकाफ डिपार्टमेंट का है। भवन के गिरने से यहां आने वाले श्रद्धालु इस सावन माह में पूजा पाठ भी नहीं कर पाएंगे। महंत सहित अन्य ग्रामीणों ने कलेक्टर से इस मंदिर का जीर्णोद्धार करने की मांग भी की है। भवन गिरकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। मंदिर में अंदर जाने तक का रास्ता भी नहीं है, जिससे मंदिर में पूजा के लिए कोई भी नहीं पहुंच पा रहा है।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजू विश्वकर्मा