Enter your Email Address to subscribe to our newsletters
कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.) ।
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत संचालित सुस्वास्थ्य केंद्रों से जुड़े हजारों सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों में वेतन असमानता और अनुबंधित नियुक्ति को लेकर गहरा असंतोष उभरता दिख रहा है।
लगभग 32 प्रतिशत अधिकारी अनुबंध पर नियुक्त
राज्य में इस समय कुल 11 हजार 53 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी कार्यरत हैं, जिनमें से 3,550 अधिकारियों की नियुक्ति अनुबंध के आधार पर की गई है। ऑल इंडिया एसोसिएशन ऑफ कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (आइचो) के एक पदाधिकारी के अनुसार, यह नीति एनएचएम के मूलभूत सिद्धांतों के खिलाफ है। अनुबंधित कर्मचारियों को भविष्य निधि, ग्रैच्युटी और चिकित्सा बीमा जैसी सामाजिक सुरक्षा सुविधाएं नहीं मिलतीं।
आइचो पदाधिकारी ने बताया कि एनएचएम के दिशा-निर्देशों के अनुसार, किसी भी अनुबंधित सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी को ₹27 हजार 500 का मासिक समेकित वेतन और ₹15 हजार की न्यूनतम प्रोत्साहन राशि मिलनी चाहिए। राज्यों को इससे अधिक वेतन देने की छूट जरूर है, लेकिन इस न्यूनतम सीमा से कम वेतन नहीं दिया जाना चाहिए।
हालांकि, पश्चिम बंगाल सरकार इन दिशा-निर्देशों का पूरी तरह पालन नहीं कर रही है। यहां अनुबंध पर नियुक्त स्वास्थ्य अधिकारियों को मात्र ₹19 हजार 870 का समेकित वेतन और पांच हजार का प्रोत्साहन दिया जा रहा है, यानी कुल ₹24 हजार 870 प्रति माह।
आइचो पदाधिकारी के अनुसार, पड़ोसी राज्य ओडिशा में अनुबंध पर नियुक्त सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को कुल ₹55 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है। ऐसे में पश्चिम बंगाल के अधिकारियों में गहरी नाराजगी है। उनका कहना है कि केंद्र द्वारा तय की गई न्यूनतम राशि के अनुसार भी वेतन नहीं दिया जा रहा है, जो पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
एसोसिएशन का कहना है कि इस वेतन असमानता को जल्द दूर किया जाए और कम से कम केंद्रीय नीति के अनुरूप वेतन और सुविधाएं सुनिश्चित की जाएं। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि अगर सरकार ने इस दिशा में त्वरित कदम नहीं उठाया तो राज्यव्यापी आंदोलन की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर