मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा की


श्रीनगर 26 जुलाई (हि.स.)। मुख्य सचिव अटल डुल्लू ने जम्मू-कश्मीर में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा के लिए एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की।

बैठक में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने और घरों के लिए बिजली के खर्च को कम करने के उद्देश्य से इस प्रमुख योजना के तहत छतों पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना की प्रगति पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया।

वर्तमान कार्यान्वयन का जायजा लेते हुए मुख्य सचिव ने स्थापनाओं की धीमी गति पर चिंता व्यक्त की और जमीनी स्तर पर प्रयासों में तत्काल तेजी लाने का आह्वान किया। उन्होंने मासिक लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और जेपीडीसीएल तथा केपीडीसीएल को निर्देश दिया कि वे हर महीने क्रमशः कम से कम 2,000 और 1,000 स्थापनाएँ सुनिश्चित करें।

अटल डुल्लू ने बिजली वितरण कंपनियों को निर्देश दिया कि वे पहले से स्थापित प्रणालियों को चालू करने को प्राथमिकता दें ताकि लाभार्थी जल्द से जल्द लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि स्थापित इकाइयों को चालू करने में देरी इस योजना के मूल उद्देश्य को ही विफल कर देती है।

जनता में जागरूकता के महत्व पर ज़ोर देते हुए मुख्य सचिव ने विद्युत विकास विभाग से एक व्यापक सूचना, शिक्षा एवं संचार अभियान शुरू करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि पंजीकृत आवेदकों को संगठित करने और उन्हें इस लाभार्थी-उन्मुख योजना को अपनाने के दीर्घकालिक लाभों के बारे में प्रोत्साहित करने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।

इससे पहले पीडीडी के प्रमुख सचिव राजेश प्रसाद ने बैठक में इस योजना की वर्तमान स्थिति और इसके कार्यान्वयन की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कार्यान्वयन में शुरुआती देरी को स्वीकार किया लेकिन आश्वासन दिया कि विभाग अब निरंतर प्रगति कर रहा है। उन्होंने पंजीकृत परिवारों के लिए प्रतीक्षा समय को कम करने और स्थापनाओं को तेज़ करने के लिए अपनाए जा रहे रणनीतिक हस्तक्षेपों की भी जानकारी दी।

उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार ने 1.0 करोड़ परिवारों का राष्ट्रीय लक्ष्य निर्धारित किया है जिसमें कोई राज्य या केंद्र शासित प्रदेश-विशिष्ट लक्ष्य नहीं है। उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर ने 31 मार्च, 2027 तक इस योजना से लाभान्वित होने वाले 83,500 आवासीय उपभोक्ताओं का एक महत्वाकांक्षी आनुपातिक लक्ष्य सक्रिय रूप से निर्धारित किया है। इसमें जेपीडीसीएल के लिए 39,500 और केपीडीसीएल के लिए 44,000 उपभोक्ता शामिल हैं।

उन्होंने आगे बताया कि जिला, संभागीय और केंद्र शासित प्रदेश स्तर पर दैनिक, पाक्षिक और मासिक अंतराल पर प्रगति की कड़ी निगरानी की जा रही है। 24 जुलाई, 2025 तक दर्ज की गई प्रमुख उपलब्धियों के संबंध में बताया गया कि अब तक लगभग 30.07 मेगावाट की संचयी क्षमता वाले कुल 8,046 आरटीएस इंस्टॉलेशन पूरे हो चुके हैं।

इसके अलावा उपभोक्ताओं को मिलने वाले लाभों के बारे में यह पता चला कि जम्मू-कश्मीर के उपभोक्ताओं को 50.78 करोड़ रुपये की केंद्रीय सब्सिडी और 2 करोड़ रुपये की केंद्र शासित प्रदेश की सब्सिडी दी गई है। साथ ही केंद्र शासित प्रदेश के विभिन्न जिलों के उपभोक्ताओं से पोर्टल पर 64,080 उपभोक्ता आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनके लिए यहाँ आरटीएस स्थापित करने हेतु 582 विक्रेता उपलब्ध हैं।

प्रधानमंत्री सूर्य गृह योजना के लिए बैंकों से ऋण वितरण के संबंध में यह पता चला कि जेपीडीसीएल उपभोक्ताओं के पक्ष में 3,293 मामलों में 5690.15 लाख रुपये और केपीडीसीएल उपभोक्ताओं के पक्ष में 2,441 मामलों में 4653.54 लाख रुपये वितरित किए जा चुके हैं।

आईईसी अभियानों के माध्यम से जनता तक पहुँच के बारे में बैठक में बताया गया कि लगभग 34.87 लाख उपभोक्ताओं तक बल्क एसएमएस के माध्यम से पहुँचा जा चुका है और जनता में जागरूकता पैदा करने के लिए जेपीडीसीएल द्वारा 525 और केपीडीसीएल द्वारा 410 आईईसी अभियान अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में आयोजित किए गए हैं। योजना के बारे में व्यापक जागरूकता के लिए पिं्रट और आउटडोर प्रचार के अलावा टीवी और रेडियो विज्ञापन, सोशल मीडिया आउटरीच और प्रशंसापत्र वीडियो व्यापक रूप से प्रसारित किए गए।

बैठक में यह भी बताया गया कि शिकायत निवारण के लिए विशेष हेल्प डेस्क स्थापित किए गए हैं जिनमें जेपीडीसीएल के लिए 449 उपभोक्ता और 429 विक्रेता समस्याओं का समाधान किया गया और केपीडीसीएल के लिए 406 उपभोक्ता शिकायतों का समाधान किया गया।

सरकारी भवनों के सौरीकरण के संबंध में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सचिव, शाहिद इकबाल चौधरी ने बताया कि सौरीकरण के लिए कुल 22,494 सरकारी भवनों की पहचान की गई है जिनमें से 12,994 भवनों को कैपेक्स मोड के अंतर्गत कवर किया जा रहा है जबकि 9,500 भवनों का कार्यान्वयन एनएचपीसी और जेकेईडीए द्वारा रेस्को मोड के माध्यम से किया जा रहा है।

इस योजना की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुए सचिव ने बताया कि 21 जुलाई, 2025 तक कैपेक्स मोड के अंतर्गत 5,331 भवनों पर सौर ऊर्जा प्रणालियाँ स्थापित की जा चुकी हैं जिनकी कुल स्थापित क्षमता 48.84 मेगावाट है। इसके अलावा प्रस्तावित कुल 70 मेगावाट में से सर्वेक्षण के लिए विक्रेताओं को 54 मेगावाट क्षमता आवंटित की गई है।

जेकेईडीए के सीईओ पी.एन. धर ने बताया कि 37.6 मेगावाट क्षमता को कवर करने वाले 3,809 और भवनों के लिए कार्यादेश दिए जा चुके हैं। 18 मेगावाट के बराबर क्षमता वाली परियोजनाओं के लिए सामग्री पहले ही पहुँचा दी गई है और 602 परियोजनाओं पर स्थापना कार्य पूरा हो चुका है जो कुल 9.4 मेगावाट है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 685 अतिरिक्त परियोजनाओं पर सक्रिय स्थापना कार्य चल रहा है।

मुख्य सचिव ने कार्यान्वयन की गति को और तेज़ करने की आवश्यकता पर बल दिया और संबंधित विभागों और विक्रेताओं को निर्देश दिया कि वे निर्धारित समय-सीमा के भीतर ऊर्जा स्थिरता लक्ष्यों को पूरा करने के लिए बाधाओं को दूर करें और चल रही परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करें।

हिन्दुस्थान समाचार / सुमन लता