मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल ने बामलॉरी बिल्डिंग से सीईओ कार्यालय को स्थानांतरित करने की मांग की
मीडिया से बात करते मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल


कोलकाता, 26 जुलाई (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) मनोज अग्रवाल ने राज्य के सीईओ कार्यालय को बामलॉरी बिल्डिंग से स्थानांतरित करने की मांग की है। सूत्रों के अनुसार, मौजूदा कार्यालय की जगह अब विभाग की बढ़ती गतिविधियों और कर्मचारियों की संख्या के लिए पर्याप्त नहीं है। इसी को देखते हुए सीईओ कार्यालय ने राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत को पत्र लिखकर इस मामले में आवश्यक हस्तक्षेप की मांग की है।

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब राज्यभर में मतदाता सूची के संभावित विशेष व्यापक पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चर्चा जोरों पर है। हाल ही में बूथ लेवल ऑफिसर्स के मानदेय में वृद्धि की गई है और उनके लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम भी शुरू कर दिए गए हैं। शनिवार को कोलकाता के नजरूल मंच में आयोजित बीएलओ प्रशिक्षण सत्र में खुद सीईओ मनोज अग्रवाल उपस्थित थे।

सीईओ ने कार्यालय स्थानांतरण के मुद्दे पर मीडिया को बताया कि मुख्य सचिव को पत्र भेजा गया है और विभाग जल्द से जल्द एक उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित होना चाहता है। हालांकि, यह स्थानांतरण एसआईआर से जुड़ा है या नहीं, इस पर उन्होंने सीधे कोई टिप्पणी नहीं की।

कुछ दिन पहले भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य के सीईओ कार्यालय को जल्द से जल्द स्वतंत्र कार्यालय घोषित करने का निर्देश दिया था। अब जब कोलकाता में सीईओ कार्यालय को स्थानांतरित करने की चर्चा तेज हो गई है, तो प्रशासनिक और चुनावी पुनर्गठन को लेकर अटकलें और तेज हो गई हैं। सीईओ कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि कर्मचारियों की संख्या बढ़ने से मौजूदा परिसर में पार्किंग और अन्य संचालन संबंधी दिक्कतें आ रही हैं, जिसके कारण स्थानांतरण आवश्यक हो गया है।

इसी बीच राज्यभर में बीएलओ का प्रशिक्षण कार्य जोरों पर है, ताकि आगामी चुनावी तैयारियों को मजबूत किया जा सके। शुक्रवार को पूर्व बर्दवान और शनिवार को कोलकाता में प्रशिक्षण सत्र आयोजित हुए। रविवार को यह प्रशिक्षण मिदनापुर में और 28 जुलाई को जलपाईगुड़ी में होना तय है। सूत्रों के मुताबिक, अगस्त महीने से विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।

शनिवार को मीडिया से बातचीत में सीईओ मनोज अग्रवाल ने कहा, हम हर बीएलओ को प्रशिक्षण देंगे। हम पूरी तरह से तैयार हैं। उन्होंने स्पष्ट किया, एसआईआर तो करना ही होता है, यह कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई बार किया गया है। हमारे प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सभी चीजें शामिल होंगी। लेकिन यह कहना गलत होगा कि यह प्रशिक्षण केवल एसआईआर के लिए हो

रहा है।

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हिन्दुस्थान समाचार / धनंजय पाण्डेय