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रांची, 26 जुलाई (हि.स.)। रांची सीबीआई की विशेष अदालत ने धोखाधड़ी और साजिश कर 28.66 लाख के राजस्व का नुकसान पहुंचाने के 21 साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाया है। शनिवार को अदालत ने झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) के पूर्व अध्यक्ष दिलीप प्रसाद, सुधीर जैन और सुरेंद्र जैन को दोषी करार देते हुए दो-दो वर्ष की सजा सुनाई ।
इसके साथ ही अदालत ने सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। सीबीआई की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रियांशु सिंह ने बहस की।
सजा सुनाने के बाद अदालत ने सभी को जमानत दे दी, जिसके बाद वे अपने-अपने घर चले गए। दरअसल, किसी मामले में तीन साल तक की सजा होने पर उसी अदालत को जमानत देने का अधिकार है। इसलिए सीबीआई की विशेष अदालत ने तीनों को जमानत दे दी।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में हुए घोटाले को लेकर सीबीआई ने 2013 में प्राथमिक सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की थी। इसमें दिलीप प्रसाद पर अध्यक्ष रहते कई नियुक्तियों में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है। सीबीआई ने नियुक्ति घोटाले में अलग-अलग एफआईआर दर्ज की है। यह पहला मामला (आरसी 6/2013) है, जिसमें सीबीआई कोर्ट ने फैसला सुनाया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / विकाश कुमार पांडे