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नई दिल्ली, 26 जुलाई (हि.स.)। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने देशभर में 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की 10.18 करोड़ से अधिक महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा (सर्विकल) कैंसर की जांच की। यह उपलब्धि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत आयुष्मान आरोग्य मंदिरों (एएएम) के माध्यम से गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की जांच, रोकथाम और प्रबंधन के लिए जनसंख्या-आधारित पहल का हिस्सा है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय ने 30 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों की स्क्रीनिंग में तेज़ी लाने के लिए 20 फ़रवरी से 31 मार्च 2025 तक एक समयबद्ध एनसीडी स्क्रीनिंग अभियान भी शुरू किया था। इस अभियान की सफलता ने वर्तमान उपलब्धि में योगदान दिया है।
20 जुलाई 2025 तक, राष्ट्रीय एनसीडी पोर्टल के आंकड़ों से पता चलता है कि 30 वर्ष और उससे अधिक आयु की 25.42 करोड़ महिलाओं की पात्र आबादी में से 10.18 करोड़ महिलाओं की गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लिए जांच की गई।
इस पहल में 30 से 65 वर्ष की आयु की महिलाओं को शामिल किया गया। इसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा एएएम के अंतर्गत उप-स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर मुख्य रूप से एसिटिक एसिड (वीआईए) के साथ दृश्य निरीक्षण का उपयोग करके स्क्रीनिंग की जाती है। वीआईए पॉजिटिव मामलों को आगे के नैदानिक मूल्यांकन के लिए उच्च केंद्रों में भेजा जाता है।
इसमें जमीनी स्तर पर, मान्यता प्राप्त सामाजिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता (आशा) महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, जो जोखिमग्रस्त लोगों की पहचान करते हैं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में नियमित स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग में उनकी भागीदारी को सुगम बनाते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी