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मुंबई, 25 जुलाई (हि.स.)। महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने शुक्रवार को कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में वन्यजीवों और मानव संघर्ष को कम करने, खासकर सांपों से होने वाले खतरों को रोकने में बहुमूल्य योगदान दे रहे सर्पमित्रों को जल्द ही आधिकारिक पहचान पत्र और 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मिलेगा।
राजस्व मंत्री बावनकुले ने आज सुबह मंत्रालय सभागार में सर्पमित्रों कें संदर्भ में आयोजित बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि इन सर्पमित्रों को 'आवश्यक सेवा' और 'अग्रिम पंक्ति कार्यकर्ता' का दर्जा देने पर भी सकारात्मक विचार किया जा रहा है और इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के समक्ष सिफारिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि वन्यजीवों से होने वाली परेशानियों से ग्रामीणों की मदद के लिए सर्पमित्र हमेशा आगे आते हैं। वे अक्सर सांपों को पकडऩे और उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोडऩे के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उनके काम को देखते हुए, लंबे समय से उन्हें दुर्घटना बीमा दिए जाने की मांग की जा रही थी।
उन्होंने कहा कि सपेरों को आधिकारिक पहचान पत्र देने के साथ-साथ उन्हें 10 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा प्रदान करने के लिए एक विस्तृत प्रक्रिया तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस फैसले से सपेरों के काम को आधिकारिक मान्यता मिलेगी। सभी सपेरों के बारे में आधिकारिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष पोर्टल बनाया जाएगा। यह सारी जानकारी वन विभाग के पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे जरूरतमंदों के लिए सपेरों से तुरंत संपर्क करना आसान हो जाएगा और उनके काम में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
इस बैठक में वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मिलिंद म्हैसकर, राज्य वन्यजीव संरक्षक एम. श्रीनिवास राव, अखिल भारतीय सर्पमित्र एवं पशुमित्र संघ के अध्यक्ष प्रो. संभाजीराव पाटिल आदि उपस्थित थे।
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हिन्दुस्थान समाचार / राजबहादुर यादव