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- मंत्रिमंडल की बैठक में पास हुआ सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025
चंडीगढ़, 25 जुलाई (हि.स.)। पंजाब सरकार ने नकली बीजों की बिक्री को गैर-जमानती अपराध मानने के लिए सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025 पेश करने को मंजूरी दी।
इस संबंध में फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने पंजाब के किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ‘सीड (पंजाब संशोधन) विधेयक 2025’ पेश करने को सहमति दी। सीड एक्ट 1966 की धारा 19 में शुरू से कोई संशोधन नहीं किया गया था, जिसके कारण जुर्माने से यह अपराध रुक नहीं रहा था। इसलिए मंत्रिमंडल ने ‘सीड एक्ट (अधिसूचित किस्मों के बीजों की बिक्री का नियमन)’ की धारा 7 के उल्लंघन के लिए एक्ट में संशोधन और धारा 19ए जोड़ने के लिए एक विधेयक तैयार करने की मंजूरी दी। इससे जुर्माने में वृद्धि और इस अपराध को गैर-जमानती बनाया गया है।
इस प्रस्ताव के अनुसार, कंपनी को पहली बार अपराध करने पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये तक जुर्माना होगा, जबकि दोबारा अपराध करने पर दो से तीन साल की सजा और 10 से 50 लाख रुपये जुर्माना होगा। इसी तरह, डीलर/व्यक्ति को पहली बार अपराध पर छह महीने से एक साल की सजा और एक से पांच लाख रुपये जुर्माना, तथा दोबारा अपराध पर एक से दो साल की सजा और पांच से दस लाख रुपये जुर्माना होगा। पहले, पहली बार अपराध पर 500 रुपए जुर्माना और दूसरी बार 1000 रुपए जुर्माना व छह महीने की सजा थी।
उद्योगपतियों को जमीन उपलब्ध कराने के लिए ढांचा विकसित करने में बड़ी राहत
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में कैबिनेट ने राज्य में औद्योगिक/व्यावसायिक निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए जमीन (बिक्री या लीज पर) उपलब्ध कराने हेतु एक ढांचा विकसित करने को मंजूरी दी। इस कदम का उद्देश्य राज्य में निवेश को और बढ़ावा देना है। उल्लेखनीय है कि जमीन की मांग करने वाले निवेशकों के लिए जमीन के टुकड़ों की पहचान और प्रबंधन के लिए समयबद्ध प्रक्रिया की कमी थी।
इसलिए दो-वर्षीय डिजिटल लैंड पूल, 200 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के लिए निवेशक सुविधा, संभावना जांच, रिजर्व मूल्य निर्धारण, ई-नीलामी प्रक्रिया, लीज विकल्प, नीलामी समय-सीमा और अन्य विशेषताओं के साथ एक व्यापक प्रक्रिया को मंजूरी दी गई है।
ग्रुप ‘डी’ भर्ती के लिए आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 37 वर्ष की
ग्रुप ‘डी’ की रिक्तियों के लिए आवेदकों को बड़ी राहत देते हुए कैबिनेट ने पंजाब राज्य (ग्रुप डी) सेवा नियम, 1963 के नियम 5(बी) और 5(डी) में संशोधनों को मंजूरी दी, जिससे इन रिक्तियों के लिए आवेदन की आयु सीमा 35 से बढ़ाकर 37 वर्ष कर दी गई। पंजाब में ग्रुप ‘डी’ सेवाओं में नियुक्ति के लिए आयु सीमा 16 से 35 वर्ष थी, जबकि पी.सी.एस. नियम 1994 के अनुसार ग्रुप ए, बी और सी के लिए आयु सीमा 18 से 37 वर्ष थी। एकरूपता के लिए पंजाब राज्य ग्रुप-डी सेवा नियम 5(बी) में संशोधन कर नियुक्ति की आयु 18 से 37 वर्ष कर दी गई। नियम 5(डी) के तहत शैक्षिक योग्यता को आठवीं से दसवीं कर दिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा