40 साल पुराने ओएचई वायर को बदलने का कार्य जारी
ज्वाइंटलेस कॉन्टैक्ट वायर  डालते रेल कर्मचारी


रेलयात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम

ज्वाइंटलेस कॉन्टैक्ट वायर किए जा रहे प्रतिस्थापित

झांसी, 25 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश झांसी रेल मंडल द्वारा रेलयात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने की दिशा में लगातार कार्य जा रहा है। मंडल में रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बेहतर करने की प्रक्रिया सतत रूप से जारी है। पुरानी हो चुकी वस्तुओं को बदलने और नवीन वस्तुओं को स्थापित करने का काम किया जा रहा है। इसी क्रम में ओएचई (OHE) वायर को बदलने का भी कार्य किया जा रहा है।

मंडल के विद्युत विभाग द्वारा निक्को मेक ज्वाइंट कॉन्टैक्ट वायर के स्थान पर ज्वाइंटलेस कॉन्टैक्ट वायर लगाए जा रहे हैं। वर्ष 1985-86 में जब रेलट्रैक पर विद्युतीकरण का कार्य शुरु किया गया। तब पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण 1500 मीटर ओएचई वायर (एक ड्रम) की लंबाई में कई जगहों पर ब्रेज़िंग ज्वाइंट लगाए जाते थे। इस वजह से कई बार ओएचई वायर टूटने की शिकायत आती थी।

इस समस्या को दूर करने के लिए विद्युत विभाग द्वारा बिना किसी ज्वॉइंट वाले(ज्वाइंट लेस) कॉन्टैक्ट वायर लगाए जा रहे हैं। प्रथम फेस में 28 किलोमीटर ट्रैक पर ज्वाइंटलेस कॉन्टैक्ट वायर लगा दिए गए हैं। दूसरे फेस में 120 किलोमीटर ट्रैक पर वायर बदलने का काम प्रस्तावित है। इसमें से 44.3 किलोमीटर कार्य संपन्न हो चुका है। शेष कार्य मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित है।

मंडल रेल प्रबंधक दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि रेलवे आधुनिक हो रहा है। जरूरत के अनुसार आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं। बगैर जॉइंट वाले कॉन्टैक्ट वायर के प्रतिस्थापन उपरांत ओएचई फेल्योर से होने वाले ब्रेक डाउन में कमी आई है।उनकी संख्या अब नगण्य के बराबर है। मंडल की समयपालनता में भी निरंतर बढ़ोत्तरी हुईं है।

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हिन्दुस्थान समाचार / महेश पटैरिया