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लखनऊ, 25 जुलाई (हि.स.)। प्रदेश की राजधानी लखनऊ की साइबर क्राइम सेल ने शुक्रवार को ऐसे गिरोह का खुलासा किया है जिसने खुद को सीबीआई का फर्जी अधिकारी बताकर महिला से 56 लाख रुपये की धोखाधड़ी की थी।
अपर पुलिस उपायुक्त अपराध रल्लापल्ली वसंथ कुमार ने साइबर थाना में पत्रकारवार्ता में घटना का खुलासा करते हुए बताया कि साइबर क्राइम थाना के निरीक्षक रणधीर सिंह ने महिला की तहरीर पर डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 56 लाख रुपये की धाेखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है।
पीड़ित महिला रीता भसीन के मुताबिक, उनके मोबाइल पर एक कॉल आयी। फोन उठाने पर कॉलर ने उनसे कहा कि उनका मोबाइल नंबर और आधार कार्ड का अवैध गतिविधियों में उपयाेग किया गया है। उनके खिलाफ अंधेरी ईस्ट मुंबई में मुकदमा दर्ज है। इतने में उनके व्हाटसअप पर एक वीडियो कॉल आयी।
काॅल उठाते हुए पुलिस की वर्दी पहने एक व्यक्ति उन्हें धमकाते हुए कहा कि मनी लॉड्रिंग के तहत उन्हें जेल भेजा जाएगा। बचने के लिए एकांत कमरे में रहें और वीडियो कैमरे के सामने किसी भी परिवार के सदस्य को न लाएं। उसने फर्जी अरेस्ट वारंट न्यायालय के सीजर आर्डर भेजकर महिला को धमकाते हुए 56 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। जब उन्हें डिजिटल हाउस अरेस्ट की बात पता चली ताे उन्हाेंने इस मामले में साइबर क्राइम थाना में आराेपिताें क खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
मामला संज्ञान में आने के बाद साइबर क्राइम टीम को लगाया गया। टीम ने कार्रवाई करते हुए लखनऊ के इंदिरानगर निवासी मो. जैद, मोहन कुमार रावत और मुख्य सरगना चित्रांश कुंवर को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ठगी के एक लाख 70 हजार रुपये बरामद कर लिया गया है।
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हिन्दुस्थान समाचार / दीपक