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पूर्वी चंपारण , 25 जुलाई (हि.स.)। बिहार में पूर्वी चंपारण में आषाढ के बाद सावन महीने में भी बारिश नहीं होने से जिले में लगातार भूजल स्तर गिरता जा रहा है।
नेपाल सीमावर्ती क्षेत्र रक्सौल अनुमंडल में तो स्थिति काफी भयावह है,भू-जल स्तर गिरने से लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहे हैं। इसी बीच रक्सौल नगर परिषद की लापरवाही की तस्वीर सामने आई है। जहां वार्ड संख्या-10 में हजारों लीटर पीने प्रतिदिन बर्बाद हो रहा है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नप द्वारा लगाए गए समरसेवल को नियमित रूप से चलाकर छोड़ दिया जाता है, जिससे लगातार पानी नालियो में बह रहा है। आश्रम रोड के निवासियों का कहना है कि अगर इस समरसेवल से पाइपलाइन के जरिए गली-मोहल्लों तक पानी पहुंचाया जाता, तो क्षेत्रवासियों को पानी की इतनी किल्लत नहीं झेलनी पड़ती।
नागरिकों का आरोप है कि समरसेवल के कारण भू-जल स्तर नीचे चला गया है, जिससे अब रात में मोटर से पानी आना भी बंद हो गया है। वार्ड संख्या-10 के निवासी राहुल ने बताया कि समरसेवल से दिनभर पानी निकालने से अन्य लोगों के नलकूप व मोटर प्रभावित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि नगर परिषद की यह लापरवाही आश्रम रोड व आसपास के लोगों को और अधिक परेशान कर रही है।
एक ओर जहां नगर परिषद जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चला रही है, वहीं खुद उसके कर्मचारी पानी की बर्बादी कर लोगों को जल संकट से जुझने को विवश कर रहे है।लोगो ने बताया कि अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया, तो स्थिति और भयावह हो सकती है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आनंद कुमार